बढ़ेगी इमरान की टेंशन, तहरीक-ए-तालिबान ने विराम को खत्म करने का किया एलान
इस्लामाबाद : इमरान खान सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) ने कहा कि वह पाकिस्तान सरकार के साथ महीनेभर के संघर्ष विराम को आगे नहीं बढ़ाएगा। टीटीपी नेता मुफ्ती नूर वली महसूद ने संघर्ष विराम को खत्म करने की घोषणा की और अपने लड़ाकों से फिर से हमला शुरू करने को कहा। तहरीक के इस फैसले से पाकिस्तान में शांति बहाली को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
समाचार पत्र डान ने कहा कि टीटीपी और पाकिस्तान सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई थी। दोनों के बीच बातचीत कराने में अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान मध्यस्थता की भूमिका निभा रहा था। बातचीत में टीटीपी संघर्ष विराम को राजी हुआ था। इस संबंध में 25 अक्टूबर, 2021 को पाकिस्तान सरकार और टीटीपी के बीच छह सूत्री समझौता भी हुआ। यह समझौता अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में दोनों के बीच आमने-सामने की बैठक में हुआ।
शांति वार्ता की यह बातचीत करीब दो हफ्ते तक चली। डान ने कहा कि टीटीपी ने कुछ अपनी शर्ते लगाई हैं जिनमें शरई कानून लागू करने की बात कही गई है। अब संघर्ष विराम नहीं बढ़ाने के टीटीपी के फैसले से तालिबान की मदद से पाकिस्तान में हिंसा और आतंकी हमलों में वृद्धि का खतरा बढ़ गया है।
मालूम हो कि पिछले महीने ही इमरान खान की सरकार ने आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सामने घुटने टेकते हुए उसके 100 से ज्यादा आतंकियों को रिहा कर दिया था। इन आतंकियों की रिहाई पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया था कि टीटीपी की कोई मांग या शर्त नहीं मानी गई है। कैदियों को सद्भावना के तौर पर छोड़ा गया है। पिछले महीने ही टीटीपी और पाकिस्तान की सरकार के बीच हुए समझौते में तयह हुआ था कि टीटीपी अब देश के नागरिकों पर हमले नहीं करेगा और सरकारी सुरक्षा बल भी संगठन के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे।