सूदखोरी रोकने के लिए मध्य प्रदेश में चलेगा अभियान : गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा
भोपाल । सूदखोरी के खिलाफ पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा। किसी भी साहूकार को नियम विरुद्ध काम करने की छूट नहीं दी जाएगी। यदि कोई ब्याज या अवैध वसूली के लिए परेशान करता है तो नजदीक के पुलिस थाने में सूचना दें। पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी। गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह बात गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में कही।
उन्होंने कहा कि भोपाल में जिस तरह से सूदखोरी की वजह से एक पूरा परिवार समाप्त हो गया, वो बेहद गंभीर मामला है। आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है और अब पूरे प्रदेश में सूदखोरों के खिलाफ अभियान चलाने जा रहे हैं। सरकार अधिनियम को संशोधित करके लागू भी कर चुकी है। कोई भी गैर पंजीकृत साहूकार न तो ब्याज की मांग कर सकता है और न ही सुरक्षा के लिए चल या अचल संपत्ति बंधक रख सकता है। शिकायत के आधार पर कार्रवाई होगी।
वहीं, कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टंटया मामा की उपाधि देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाव की पवित्रता को देखा जाना चाहिए। कांग्रेस तो जननायक टंट्या (मामा)भील को डाकू कह रही है, जो निंदनीय है। कांग्रेस कभी भी जनजातीय वर्ग का भला नहीं चाहती है। चाहे शिवभानु सिंह सोलंकी हों या फिर जमुना देवी या उमंग सिंघार, किसी को आगे नहीं बढ़ने दिया। जनजातीय समाज को भी यह समझ में आ गया है।
कोरोना संक्रमण की रोकथाम की तैयारियों को लेकर गृह मंत्री ने बताया कि सभी जिलों में आक्सीजन प्लांट लग गए हैं और चालू भी हो गए हैं। जो लगने बाकी रह गए हैं वे दिसंबर तक लग जाएंगे। रेमडेसिविर, अस्पताल में पलंग, दवा आदि की कोई कमी नहीं है। इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं।
भाजपा की वैक्सीन 2024 में लगेगी
उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल काफी समय से भ्रम फैला रहे थे लेकिन देश की जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। कांग्रेस के नेता कहते थे कि इसे लगवाने वाले नपुंसक हो जाएंगे। इसमें तो चर्बी मिली हुई और ये तो भाजपा की वैक्सीन है। हमने उस समय भी कहा था कि यह कोरोना की वैक्सीन है। भाजपा की वैक्सीन तो 2024 में लगेगी, जिसका असर पांच साल तक रहेगा।
मतांतरण की शिकायतें आई है, जांच होनी चाहिए
गृह मंत्री ने कहा कि विदेश से धन प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की जांच होनी चाहिए। संगठनों द्वारा मतांतरण कराने जैसी शिकायतें सामने आई हैं। किसी भी संगठन को इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। जो धन प्राप्त हो रहा है, उसका उपयोग कहां और किस काम में किया जा रहा है, यह देखा ही जाना चाहिए।