ममता से करीबी बढ़ाने की कोशिश में कांग्रेस! लोकसभा में अधीर रंजन की जगह ले सकता है जी- 23 गुट का नेता
नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र से पहले अटकलें हैं कि कांग्रेस लोकसभा में अपने नेता के पद से अधीर रंजन चौधरी को हटाने पर विचार कर रही है। पार्टी सदन में और बाहर विपक्ष की रणनीति को उत्प्रेरित करने और संसद में सरकार को घेरने के लिए एक नए चेहरे को यह जिम्मेदारी देने के बारे में सोच रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से करीबी बढ़ाना चाहती है। ऐसे में अधीर रंजन को यह पद गंवाना पड़ सकता है। बता दें कि अधीर और ममता एक दूसरे के काफी पुराने प्रतिद्वंद्वी हैं। यह अटकलें ऐसे समय में सामने आई हैं जब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में चौधरी को फ्री हैंड मिलने के बावजूद कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी।
जानकारी के अनुसार अधीर रंजन चौधरी की जगह मनीष तिवारी या शशि थरूर को यह जिम्मेदारी मिल सकती है। तिवारी पंजाब के आनंदपुर साहिब से सांसद हैं, लेकिन पूर्वी यूपी में उनकी अच्छी पैठ है और ममता बनर्जी के साथ उनके अच्छे संबंध हैं। वहीं केरल से सांसद शशि थरूर कई मुद्दों पर मुखर रहे हैं। हालांकि, पार्टी का एक वर्ग राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी देने की मांग कर रहा है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह इच्छुक नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फ्लोर लीडर को विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं मिलेगा। कांग्रेस इसके मानदंडों को पूरा नहीं करती है।
संयोग से, थरूर और तिवारी दोनों जी-23 के समूह से हैं, जिन्होंने पार्टी में व्यापक सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। सोनिया गांधी असंतुष्टों और विपक्षी नेताओं से संपर्क कर रही हैं और वह एक नई टीम का निर्माण कर रही हैं, जो दृष्टिकोण में अधिक लचीला हो। अधीर रंजन चौधरी को बंगाल में पार्टी को मजबूत बनाने का काम सौंपा जा सकता है, क्योंकि वह वहां के पार्टी प्रमुख हैं।