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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के कोरोना राहत अभियान की समीक्षा की, नौ सेना ने भी झोंकी ताकत

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले के लिए सशस्त्र बलों, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से किए जा रहे प्रयासों की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंस के जरिये आयोजित बैठक में तीनों बलों और रक्षा मंत्रालय के अधीन अन्य संस्थाओं की ओर से कोरोना से निपटने को उठाए गए कदमों के बारे में राजनाथ सिंह को अवगत कराया गया।

बैठक में ये रहे मौजूद

इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल विपिन रावत, सेना प्रमुख एम एम नरवणे, नौ सेना प्रमुख करमबीर सिंह, वायु सेना अध्यक्ष आरकेएस भदौरिया और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी भी मौजूद थे।

उठाए गए कदमों की समीक्षा की

रक्षा मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सचिवों, सीडीएस, तीनों सेनाओं के प्रमुखों और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक की अध्यक्षता की और कोविड-19 के खिलाफ जारी भारत की लड़ाई में उठाए गए कदमों की समीक्षा की।

तैयार किए अस्‍पताल

रक्षा मंत्री को बताया गया कि मौजूदा संकट के मद्देनजर सेना और नौ सेना ने कई राज्यों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल तैयार किए हैं। भारतीय वायु सेना के मालवाहक विमान क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकरों और अन्य आवश्यक दवाओं के सिंगापुर, थाइलैंड और संयुक्त अरब अमीरात से लाने में लगे हुए हैं।

नौसेना ने भी झोंकी ताकत

भारतीय नौ सेना ने खाड़ी और दक्षिणपूर्व एशिया के देशों से ऑक्सीजन के कंटेनर्स भारत लाने के लिए अपने नौ युद्धपोतों को मोर्चे पर लगाया है।

कोरोना के खिलाफ मिला एक और हथियार

इस बीच कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए खोजी गई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की नई दवा 2-डीजी (डीआक्सी-डी ग्लूकोज) सोमवार को लांच कर दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दवा की पहली खेप के पैकेट स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को सौंपे। राजनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह दवा आशा और उम्मीद की नई किरण है।

रुकने की जरूरत नहीं

रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की गति में कुछ कमी आई है मगर अभी हमें निश्चिंत होकर थमने की जरूरत नहीं है। दूसरी बार कोरोना की लहर आई है और आगे इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है, इसलिए पूरी सतर्कता के साथ हमें आगे कदम बढ़ाने होंगे। 2-डीजी के अनुसंधान और विकास के लिए डीआरडीओ की सराहना करते हुए राजनाथ ने कहा कि डा. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सहयोग से तैयार की गई यह दवा हमारे देश की वैज्ञानिक क्षमता का एक बड़ा उदाहरण है।

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