Sensex हरे निशान के साथ बंद; Reliance Industries, ITC, HUL सहित इन शेयरों में रहा उछाल
नई दिल्ली। ITC, HUL, Nestle जैसी एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से BSE Sensex शुक्रवार को हरे निशान के साथ बंद हुआ। BSE Sensex 41.75 अंक यानी 0.09 फीसद की तेजी के साथ 48,732.55 अंक के स्तर पर बंद हुआ। दूसरी ओर, NSE Nifty 18.70 अंक यानी 0.13 फीसद की गिरावट के साथ 14,677.80 अंक के स्तर पर बंद हुआ। सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में मेटल, ऑटो और फार्मा कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली। NSE Nifty पर कोल इंडिया, टाटा मोटर्स, हिन्डाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और ग्रासिम इंडस्ट्रीज के शेयरों में सबसे ज्यादा टूट देखने को मिली। वहीं, एशियन पेंट्स, UPL, ITC, नेस्ले और L&T के शेयर तेजी के साथ बंद हुए।
सेक्टोरल इंडेक्स की बात की जाए तो केवल FMCG सेक्टर हरे निशान के साथ बंद हुआ। निफ्टी मेटल इंडेक्स में चार फीसद तक की टूट देखने को मिली।
सेंसेक्स पर ये शेयर लुढ़के
Sensex पर IndusInd Bank के शेयरों में सबसे ज्यादा 2.82 फीसद की टूट देखने को मिली। इसके अलावा M&M के शेयरों में 2.45 फीसद, डॉक्टर रेड्डीज के शेयरों में दो फीसद, एसबीआई के शेयरों में दो फीसद, एनटीपीसी के शेयर में 1.81 फीसद, ओएनजीसी के शेयर में 1.78 फीसद, सन फार्मा के शेयरों में 1.64 फीसद की टूट देखने को मिली। इनके अलावा टीसीएस, मारुति, टेक महिंद्रा, बजाज फिनजर्व, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज ऑटो, इन्फोसिस, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट और भारती एयरटेल के शेयर लाल निशान के साथ बंद हुए।
इन शेयरों में रहा उछाल
दूसरी ओर, एशियन पेंट्स के शेयरों में 8.51 फीसद का उछाल देखने को मिला। वहीं आईटीसी, नेस्ले इंडिया, लार्सन एंड टुब्रो, हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, पावरग्रिड, रिलायंस, एचसीएल टेक, आईसीआईसीआई बैंक और टाइटन के शेयर हरे निशान के साथ बंद हुए।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में प्रमुख (रिसर्च) विनोद नायर ने कहा कि मंगलवार को भारी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बाजार में तेजी और गिरावट का सिलसिला देखने को मिला। उन्होंने कहा कि कंज्यूमर और कैपिटल गुड्स सेक्टर की कंपनियों में तेजी देखने को मिली लेकिन दूसरी ओर मेटल और ऑटो स्टॉक में नरमी देखने को मिली। एक फेड ऑफिशियल के बयान के बाद वैश्विक बाजार में सकारात्मक माहौल रहा। फेड ऑफिशियल ने कहा कि वे लंबी अवधि की महंगाई को लेकर बहुत अधिक चिंतित नहीं हैं।