बैंकों का कर्ज वितरण बढ़ाने पर RBI का जोर, मार्च के दौरान कर्ज वितरण में सिर्फ पांच फीसद की वृद्धि
नई दिल्ली। बैंकिंग कर्ज की रफ्तार पहले से ही सुस्त है और अब कोरोना की दूसरी लहर इसे और नीचे ले जा सकती है। इस हालात को दूर करने की कोशिश आरबीआइ की तरफ से शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को केंद्रीय बैंक की एक उच्च-स्तरीय टीम ने देश के स्मॉल फाइनेंस बैंकों (एसएफबी) के साथ एक बैठक की। इसमें मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में समाज के विभिन्न वर्गो को कर्ज वितरण पर विचार किया गया।
आरबीआइ अन्य बैंकों के साथ भी जल्द इस तरह की बैठक करेगा। बैठकों का दौर ऐसे समय में शुरू हो रहा है जब इस वर्ष मार्च में के दौरान बैंकिंग कर्ज में बमुश्किल पांच फीसद का इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा शुक्रवार को ही आरबीआइ की तरफ से जारी किया गया है।
आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष मार्च में बैंकिंग कर्ज वितरण में 4.9 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष मार्च में यह रफ्तार 6.8 फीसद की थी। इस महीने फूड क्रेडिट 24.4 फीसद से घटकर 18.3 फीसद और सर्विस सेक्टर को क्रेडिट 7.4 फीसद से घटकर 1.4 फीसद रह गई है।
पर्सनल लोन में वृद्धि दर इस महीने 15 फीसद से घटकर 14.2 फीसद रह गई है। होम लोन की रफ्तार समीक्षाधीन अवधि में 15.4 फीसद से घटकर 9.1 फीसद रह गई है। समीक्षाधीन अवधि में हालांकि कृषि व इससे जुड़े क्षेत्र को कर्ज 4.2 फीसद से बढ़कर 12.3 फीसद हो गई है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मार्च के बाद के महीनों में कर्ज वितरण की रफ्तार बहुत ही तेजी से नीचे की तरफ आई थी।