महाराष्ट्र के गृह मंत्री देशमुख के इस्तीफे से मचा सियासी बवाल, भाजपा और RPI ने उद्धव की चुप्पी पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद देशमुख के इस्तीफे से सूबे में सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने इस घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उनसे इस्तीफा मांगा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
रविशंकर प्रसाद ने उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में खामोश हैं। शरद पवार कहते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला मुख्यमंत्री करते हैं। कांग्रेस और शिवसेना कहती है कि अनिल देशमुख के बारे में फैसला एनसीपी करेगी। अनिल देशमुख ने शरद पवार से मिलकर मुख्यमंत्री को इस्तीफा दिया है। रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया कि जिस मुख्यमंत्री की अगुवाई में इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं क्या उनका कोई नैतिक दायित्व नहीं बनता है?
उद्धव की चुप्पी पर उठाए सवाल
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देशमुख ने अपने इस्तीफे में जिक्र किया है कि वह नैतिक आधार पर पद से त्यागपत्र दे रहे हैं लेकिन इस पूरे प्रकरण में उद्धव ठाकरे की चुप्पी कई सवाल उठाती है। मुख्यमंत्री जी आपकी कोई नैतिकता है कि नहीं? आपकी नैतिकता कहा हैं? क्या हम आपकी नैतिकता के बारे में सुनेंगे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शासन करने के नैतिक अधिकार से अब वंचित हो गए हैं।
निष्पक्ष जांच की मांग
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि शरद पवार जी देश के एक वरिष्ठ राजनेता हैं। उन्हें अनिल देशमुख को पूरी तरह से क्लीन चिट देने के निहितार्थ को समझना चाहिए। यह मामला बेहद गंभीर है और उद्धव ठाकरे की सरकार दो मोर्चों पर फंसी हुई है। पहला सचिन वाझे प्रकरण और दूसरा उगाही प्रकरण… इन प्रकरणों के पूरे तार को जोड़ा जाए तो यह एक बड़े लूट के षड़यंत्र की ओर इशारा करता है। इस पूरे मामले के सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि पता चल सके कि कौन किसको प्रश्रय दे रहा था…
उद्धव ठाकरे ने बचाने की कोशिश की
वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की ज़रूरत थी। उन्हें NCP और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बचाने की कोशिश की गई थी। शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की इजाज़त दे दी है, यह अच्छी बात है।
महाराष्ट्र सरकार नहींं पूरे कर पाएगी पांच साल
अठावले ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल पूरा होगा ऐसा लगता नहीं है। पूरे देश में कोरोना के 60-65 फीसद मामले महाराष्ट्र से आ रहे हैं। कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। मैंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए…
खामोश क्यों हैं उद्धव ठाकरे
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा तभी हो जाना चाहिए था जिस समय उनपर आरोप लगे थे। उच्च न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप किया उसके बाद गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा है। सबसे बड़ी बात यह कि इस पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खामोश क्यों हैं?
यह पार्टी फैसला
वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने NCP के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की और अपनी इच्छा ज़ाहिर कि वे अपने पद पर नहीं रहना चाहते। जिसके बाद पार्टी ने निर्णय लिया है कि वे मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा दें।