गाजीपुर में किसानों गर्जना दिल्ली,उत्तराखंड और यूपी में गर्माहट
-किसान नेताओं ने दोहराई मांग जारी रहेगा धरना
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]जोरावार सिंह[/mkd_highlight]
उत्तरप्रदेश। देश में बीते दो महीने से केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों को रदद िकये जाने की मांग को लेकर किसानों द्वारा लगातार आन्दोलन किया जा रहा है, अभी तक किसान आन्दोलन का मुख्य केन्द्र दिल्ली के बार्डर बने हुए थे, पर गणतंत्र दिवस पर हुई घटना के बाद से किसान नेता गाजीपुर पर गरज रहे है, इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सियासत में गर्माहट आ गई है।
गौर तलब है कि गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा दिल्ली में आयोिजत होने वाली परेड में वह शािमल होने के लिए किसानों ने दिल्ली कूच किया था, इसमें किसान और पुिलस के बीच झडपें भी हुई और लाल किले पर झंडा फहराने का मामला भी सामने आया। इस घटना के बाद दिल्ली पुिलस ने करीब 37 किसान नेताओं के ख्लिाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। किसान नेताओं पर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें अिधकांश बडे किसान नेताओं के नाम शािमल है। किसानों पर तोडफोड करने के अलावा कई संगीन आरोप लगे है। इसके बाद से ही पूरे देश में किसानों पर सियासत गर्म हो गई है।
— गाजीपुर में टिकैत
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन जो कुछ हुआ उसके बाद से ही गाजीपुर चर्चा में आ गया है, यहां किसानों ने आन्दोलन का नेतृत्व किसान नेता राकेश टिकेत कर रहे है, उनकी भावुक अपील का असर किसानों ने पर देखा जा रहा है, अब यहां किसान का भारी संख्या में जमावडा हो रहा है, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों से किसान पहुंच रहे है। किसान नेताओं का कहना है, कि वह पिछले दो महीने से शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे है, आगे भी उनका आन्दोलन जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है।
— जारी है किसानों की शहादत
देश में किसान आन्दोलन जारी है, किसान आन्दोलन जब से शुरू हुआ तब से लेकर अभी तक जो सोशल मीडिया एवं किसान नेता कह रहे है कि उनके सौ से अधिक सािथयों की शहादत हुई है, इसकी वजह है कि कहीं आवागमन के दौरान सडक दुर्घटनाएं तो कही मौसम की वजह से िकसानों की मौतें हो रही है, यह आन्दोलन यदि अभी और जारी रहता है, और किसानों मौतें भी जारी रहती है, तो इस आन्दोलन में िकसानों की मौतों के रिकार्ड आंकडों में इजाफा होगा।
— फैसला लेंगे किसान
किसान आन्दोलन में 26 जनवरी की घटना के बाद गुरुवार की देर रात हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत के समर्थन में जींद जिले के कंडेला गांव में ग्रामीणों ने जींद-चंडीगढ़ मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन लोगों ने करीब 15 मिनट बाद खुद ही जाम खोलते हुए शुक्रवार को गांव में पंचायत कर आगे की रणनीति बनाने का फैसला लिया। अब इस पंचायत में आगे की रणनीित ही तय करेगी कि किसानों का आन्दोलन किस तरह और किस ओर आगे बढेगा।
— अब डेमेज कंट्रोल की कवायद
देश में किसान आन्दोलन जिस गति से आगे बढ रहा था, देश भर के लोगों की भावनाएं किसानों से जुड रही थी, पर 26 जनवरी को हुई घटना के बाद से किसान आन्दोलन डेमेज हुआ है, किसान नेता जुदा जुदा से नजर आ रहे है, हालांकि किसान नेता फिर से किसान आन्दोलन को नई धार देने के लिए किसान आन्दोलन में अब तक हुए डेमेज को कंट्रोल करने में जुट गए है, अब किसान आन्दोलन के डेमेज को किसान नेता िकतना कंट्राेल कर पाएंगे यह तो वक्त ही बताएगा।
— हौसलों को आजमाती शीतलहर
देश में चल रहे किसान आन्दोलन में िदल्ली के बार्डरों पर किसान अभी भी डटे हुए है, सरकार से तो किसानों का सामना है ही, अब शीतलहर का सामना भी किसानों को करना पड रहा है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत के अलावा मध्य,पूर्वी, पश्चिमी और नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के तमाम हिस्सों में घने कोहरे और शीत लहर चलने की संभावना है घने कोहरे की चपेट में आने वाले राज्यों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों की संभावना जताई है। बिगडता मौसम किसानों की मुश्किलें बढा सकता है।