बाघिन ने फिर किया हमला…ग्रामीण को उतारा मौत के घाट, वनरक्षक घायल
केलझीरी बीट के कक्ष क्रमांक 189 की घटना
मध्यप्रदेश। हरदा जिले के जंगल क्षेत्र में बाघिन ने आतंक मचा रखा है। एक दिन पहले ग्राम जवारधा में चरवाहे को अपना निशाना बनाने के बाद सोमवार सुबह बाघिन ने फिर एक ग्रामीण पर हमला कर दिया। हमले में ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के करीब दो घंटे बाद सर्चिंग के लिए जंगल में उतरे वन अमले पर बाघिन फिर से टूट पड़ी। जिसके चलते सर्चिंग में शामिल अधिकारी-कर्मचारी व ग्रामीणों ने अफरा-तफरी मच गई। बाघिन के दूसरे हमले में वनरक्षक के एक पैर में गंभीर घाव आए हैं। जंगल क्षेत्र में बाघिन के लगातार हमलो से दहशत का माहौल है। वन परिक्षेत्र रहटगांव के केलझीरी बीट के कक्ष क्रमांक 189 में बाघिन ने एक ही दिन में दो लोगों को अपना निशाना बनाया है। सोमवार सुबह जिस ग्रामीण पर बाघिन ने हमला किया, उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इसी दिन दोपहर में सर्चिंग के लिए जंगल में उतरे वन अमले पर बाघिन ने फिर से हमला कर दिया। हमले में एक वनरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे तुरंत 108 ए बूलेंस की मदद से जिला अस्पताल लेकर आए। जहां चिकित्सकों द्वारा वनरक्षक का इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी घायल वनकर्मी को देखने पहुंचे। सर्चिंग दल में शामिल वनपाल श्यामलाल कुशवाह ने बताया कि सोमवार सुबह साढ़े 8 बजे के आसपास लकड़ी लेने के लिए जंगल में पहुंचे रतन पिता च पालाल कोरकू उम्र 42 वर्ष पर बाघिन ने हमला कर दिया। हमले में रतन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना वनग्राम केलझीरी के समीप रहटगांव-बोरपानी मार्ग से करीब 300 मीटर की दूरी पर घटित हुई। घटना की सूचना मिलते ही एसडीओ रमेश राठौड़, रहटगांव वन परिक्षेत्र अधिकारी मुकेश रघुवंशी, उत्पादन वन परिक्षेत्र अधिकारी नयन सिंह पालवी, वनरक्षक पवन गौर, वनरक्षक हरिओम जगनवार सहित स्टॉप मौके पर पहुंचा। बाघिन के हमले में मृत रतन कोरकू को पोस्टमार्टम के लिए टिमरनी ले जाया गया।
सर्चिंग दल पर भी हमला
ग्रामीण पर बाघिन के हमला करने के बाद करीब ड़ेढ बजे एसडीओ रमेश राठौर के साथ करीब एक दर्जन अधिकारी-कर्मचारी व ग्रामीण का दल सर्चिंग के लिए जंगल में पहुंचा। इस दौरान घटनास्थल से करीब पौन किलोमीटर दूर बांस के कूप के पास बाघिन ने फिर से हमला कर दिया। बाघिन के हमला करते ही दल में शामिल लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान बाघिन ने वन रक्षक हरिओम जगनवार का पैर अपने जबड़ो में दबोच लिया। वनकर्मी व ग्रामीणों की मदद से वन रक्षक को छुड़ाया गया।
बाघिन के साथ दो बच्चें भी
बाघिन के हमले से केलझीरी बीट में आसपास के वनग्रामों के लोग दहशत में हैं। सुबह ग्रामीण को अपना निशाना बनाने के बाद दोपहर में सर्चिंग दल पर भी बाघिन का हमला हुआ है। दल में शामिल ग्रामीणों के मुताबिक बाघिन के साथ दो बच्चें भी है। यही वजह मानी जा रही है कि बाघिन के साथ बच्चें होने के कारण वह उनके रक्षार्थ हमला कर रही है। हालांकि दो दिन में तीन घटना होने के बाद अब वन विभाग पूरी तरह सचेत हो गया है। वनग्रामों में रहने वाले लोगों को जंगल से दूरी बनाने की हिदायत दी जा रही है।
सचेत रहने के दिए थे निर्देश
एक दिन पहले ग्राम जवारधा में चरवाहे पर बाघिन के हमले के बाद वन विभाग ने बाघ मूवमेंट के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी थी। संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम जवारधा, बोथी, डोंग, कपासी, बोरी, खूमी, महुखाल, बोबदा, जूनापानी, रातामाटी, चूरनी, बिटिया और उससे लगा बैतूल जिले का क्षेत्र शामिल है।