आन्दोलन को मजबूत जमीन देता किसानों का हौंसला
– अब किसान जुटे अगली रणनीति बनाने में
दिल्ली। देश में चल रहे किसान आनदोलन में सरकार और किसान संगठनों के बीच होने वाली वार्ताएं विफल रही है, ऐसे किसान अब आन्दोलन की अगली रणनीति बनाने में जुट गए है। दिनों दिन बढता किसानों का हौंसला इस आन्दोलन को और मजबूती प्रदान कर रहा है।
गौरतलब है कि किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के खत्म होने की उम्मीद फिलहाल कम है। किसानों के नुमाइंदों और सरकार के बीच बातचीत का कोई भी हल नहीं निकल रहा है, अब अगले दौर की तारीख 15 जनवरी को तय की गई है, लेकिन उससे पहले 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इन नए कानूनों पर सुनवाई होगी। सरकार की ओर से इन सभी मुद्दों पर विशेषज्ञ समिति के गठन की बात कही गई। जिसे किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। वे कृषि कानूनों को रद करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपी की कानूनी गारंटी वाला कानून बनाने की मांग पर अड़े रहे। किसान नेताओं का कहना है कि वह आनदोलन से पीछे नहीं हटेंगे, जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है, वह आनदोलन जारी रखेंगे।