अब नये कलेवर में प्रदेश के मुखिया शिवराज
सरकारी खजाने पर पहला हक गरीबों का मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश प्रदेश में 2018 के विधान सभा चुनावों में भाजपा को मिली हार के बाद एक बार पिफर भाजपा सत्ता में हैय पर इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान बदले हुए नजर आ रहे हैए कई बडे पफैसले भी ले रहे हैं तो कभी नौकर शाहों पर नाराज हो रहे हैय अभी हाल ही में उन्होंने कहा है कि सरकारी खजाने पर पहला हक गरीबों का है। सरकारी योजनाओं का लाभ हर गरीब तक पहुंचे। इस संकल्प के साथ काम करना है। गरीबों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है। उनका यह बदला हुआ अंदाज अब चर्चाओं में हैय
गौर तलब है प्रदेश में भाजपा इस बार सत्ता में कांग्रेस के कददावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सहयोग से हैय भाजपा की सियासत में अब उनकी भी इंटघ्ी हो चुकी हैय ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जहां मापिफया के खिलापफ अभियान चला रहे हैए तो वहीं तीखे प्रहार भी कर रहे हैए उनके वक्तव्य चर्चा का विषय बने हुए हैय मिलावट खोरों पर भी लगातार प्रदेश में कार्रवाई हो रही हैए दिसम्बर महीने में नशा का कारोबार करने वालों के खिलापफ भी शिकंजा कसा जा रहा हैय इससे माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार अब मापिफया पर शिकंजा कसने की मंशा से काम कर रही हैय हालांकि इन कार्रवाईयों पर विपक्ष निशाना भी साध रहा हैय
नौकर शाहों को इशारा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान इस बार की पारी में नए कलेवर में नजर आ रहे हैए कभी भाजपा सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैए कि प्रदेश में जब भाजपा की सरकार रहती है तो नौकर शाहों को अधिक बोलबाला रहता हैए पर अभी हाल ही मुख्यमंत्री का बयान कुछ और ही इशारा कर रहा हैय उन्होंने अधिकारियों की बैठक में कहा है कि सरकार को पब्लिक से बेहतर फीडबैक कोई नहीं देता। पब्लिक का प्रतिनिधित्व विधायक और मंत्री करते हैंए इसलिए अफसरों को उनकी लीडरशिप में काम करना है। उन्होंने कहा. यह दुर्भाग्य है कि किसी अफसर को डांट देता हूंए तो जनता ताली बजाती है। ऐसा लगता है कि अफसरों के प्रति कहीं अविश्वास सा है। ये नहीं होना चाहिए। आप जनता के बीच विश्वास बनाएं उनकी बात सुनें और समस्याएं दूर करें। मुख्यमंत्री का यह बयान भी इस समय चर्चा का विषय बना हुआ हैय सियासी गलियारों में इसके मायने भी निकाले जा रहे है कि इसबार प्रदेश सरकार नौकरशाहों पर लगाम लगाना चाह रही है