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आखिर क्या होगा मंगलवार को ? मामला उलझेगा या सुलझेगा

नई दिल्ली: केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए, तीन क2ष् कानूनों को रदद कराने के लिए किसान 33 वें दिन भी दिल्ली को घेरे हुए बैठे रहे; हालांकि मामले में किसानों और सरकार के बीच मंगलवार की सुबह 11 बजे पिफर बात होगी. इस चर्चा में किसानों का मामला सुलझेगा या पिफर उलझेगा.
गौरतलब है कि किसान संगठनों ने सरकार को चिट्ठी लिखी और 29 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव रखा है. किसान संगठनों ने इस चिट्ठी के जरिए अपील की है कि 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बातचीत हो. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से लिखी चिट्ठी गई. एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान पर बात करने की मांग की. हालांकि किसान कह चुके है कि जब कानून वापसी नहीं होती है तब तक वह अपने घरों को नहीं लौटेंगे.
-समर्थन ने बढाई टेंशन
किसानों का आन्दोलन जैसे जैसे आगे बढ रहा है, केन्द्र सरकार की भी टेंशन बढ रहा है; इसकी वजह है कि एनडीए से एक एक करके सहयोगी दल साथ छोडते जा रहे है; दूसरी तरपफ किसानों को देश भर में समर्थन मिल रहा है; इससे बीजेपी की मुश्किलें बढ रही है; भाजपा के अन्दर खाने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठने लगी है;सरकार और मीडिया के लाख प्रयास के बाद भी दिल्ली बार्डर पर किसानों की संख्या में कमी आने के बजाय किसानों की संख्या में लगातार इजापफा हो रहा है.

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