गुरू ,शनि और चंद्रमा का अद्भुत त्रिकोण, क्या होगा आपके जीवन पर असर
विगत चार दिन तक बादलों में छिपे रहने के बाद के गुरूवार 17 दिसम्बर की शाम को सूरज के विदा होते ही पश्चमी आकाश में गुरू और शनि के घनिष्ठ मिलन का गवाह बनने चांद उपस्थित होने जा रहा है। लगभग 400 सालो बाद जुपिटर और सेटर्न के इतने नजदीकी कंजक्षन के सामने 13 प्रतिशत आकार में चमकता हुआ हंसियाकार क्रिसेंट मून उपस्थित रहेगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि खाली आंखों से यह त्रिमूर्तिदश अत्यंत मनोहारी रहेगा । अगर आपके पास टेलिस्कोप है तो आकाश दर्शन का यह बहुत खास अवसर होगा जब एक ही व्यूसाइड पर तीन खगोलीय पिंड होंगे। इसमें सटर्न अपने रिंग के साथ दिखेगा तो जुपिटर के साथ उसके चार बड़े मून दिखेगे। चंद्रमा के क्रेटर को भी देखा जा सकेगा।
सारिका ने कहा कि आकाश में होने जा रही ग्रेट कंजक्षन का गवाह आप भी बन सकते हैं लेकिन समय का ध्यान रखियेगा सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में सिर्फ 6 बजकर 30 मिनिट तक। उसके बाद अस्त होती हुई जोड़ी किसी इमारत के पीेछे छिपकर क्षितिज में समा जायेगी।