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मध्यप्रदेश में निकायों के सहारे वापसी की तैयारी में कांग्रेस

– भाजपा दबदबा बरकरार रखने काे आतुर
मध्यप्रदेश। प्रदेश की सियासत में उपचुनावों के बाद निकाय चुनावों ने हल चल तेज कर दी है। निकायो के अध्यक्ष पदों के आरक्षण के बाद से सियासत गर्माने लगी है। नगर निगमों और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष् पद के दावेदार जहां सामने आने लगे है तो वहीं दोनों ही प्रमुख दलों ने अपनी अपनी रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। जहां भाजपा नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में अपना दबदबा रखना चाहेगी तो वहीं कांग्रेस ने निकाय चुनावों से प्रदेश में अपनी वापसी की तैयारियां शुरू कर दी है।
गौर तलब है कि भाजपा वर्तमान में सत्ताधारी दल है। निकाय चुनावों में इसलिए टिकट मारी मारी ज्यादा नजर आ रही है। दावेदार दावेदारी ठोक रहे है। पर निकाय चुनावों में कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। नगर निगमों से लेकर निकायों में उम्मीदवारों के चयन से लेकर नगर निगमों में जीत का परचम पफहराने के लिए प्रभारियों की नियुक्तियां कर जिम्मेदारियां सौंप दी है। इससे निगमों में कांग्रेस द्वारा नियुक्त किये गए प्रभारी अपनी रणनीति को धरातल उतार सकें।
इनके हवाले हुए निगम
कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनावों के लिए नगर निगमों में तैयारियां शुरू कर दी है। इसमें प्रभारी और सह प्रभारी बनाए गए है। इसमें भोपाल में लखन घनघोरिया, शारदा पाठक ग्वालियर, ब्रिजेन्द्र सिंह राठोर, कलावती भूरिया, सागर पीसी शर्मा, मनीषा दुबे, इन्दौर विजय लक्ष्मी साधो, विभा पटेल, जबलपुर हिना कांवरे सविता दीवान, मुरैना प्रियव्रत सिंह, रश्मी पंवार, रीवा हर्ष यादव, जमुना मरावी, कटनी कमलेश्वर पटेल, पुष्पा विसेन, सतना तरुण भनोत, पदमा शुक्ला, बुराहनपुर सुरेन्द्र बघेल, छाया मोरे, देवास उमंग सिंगार, यास्मीन शेरानी, छिंदवाडा सुखदेव पांसे, नेहा सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रभारी और सह प्रभारी तैयारियों में जुट गए है, वहीं जिला स्तर पर निकायों में टिकट का चयन जिलाध्यक्षों की अगुआई में गठित चयन समतियिों द्वारा किया जाएगा।
भाजपा में बैठकों का दौर
भाजपा में नगर निगमों से लेकर नगर पालिकाओं में अध्यक्ष एवं पार्षदों के पदों के चयन के लिए संगठनों की बैठकों का दौर जारी है। युवा और अन्य दलों से आये नेताओं को भाजपा की परिपाटी से अवगत कराने के लिए जिला स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक भाजपा द्वारा वर्ग लगाए जा चुके है, जिनमें निकाय चुनावों में दावेदारी के इच्छुक नेताओं और युवाओं की भागीदारी अधिक देखी गई थी। इससे भाजपा भी निकाय चुनावों में अपना दबदबा बरकरार रखने के लिए जी तोड मेहनत कर रही है। इसके साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कुछ दिन पूर्व ही जता चुके हैं कि निकाय चुनावों में युवाओं को ज्यादा मौका दिया जा सकता है। युवाओं को निकायों के सहारे सियासत मे हिस्सेदारी की भाजपा यह रणनीति भी इस समय चर्चाओं में है। पर युवाओं की स्थिति बनती है यह तो टिकट वितरण के बाद ही सामने आ सकेगी।

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