Madhy Pradesh

सीएम के जिले में भयभीत कांग्रेसी, शीर्ष नेत्रत्व मौन

– एक दर्जन से अधिक मुकदमों के फेर में, अतिक्रमण कार्रवाई का भी कर रहे सामना
सीहोर। मप्र की सत्ता से कांग्रेस की विदाई क्या हुई मानों जिले में कांग्रेसियों पर मुसीबतों का पहाड टूट गया हो। जिले में कांग्रस के कार्यकर्ता और नेताओं पर पुलिस कार्रवाई हो रही है। इन कार्रवाईयों से सीएम के जिले के कांग्रेसी नेता कार्यकर्ता भयभीत है। बावजूद कांग्रेस का शीर्ष नेत्रत्व मौन धारण किए हुए हैं। हालांकि कुछ महीनों पहले भोपाल में प्रदेश कार्यालय में इन कार्रवाईयों को लेकर रणनीति भी बनाई थी, लेकिन वह ठंडे बस्ते में जा पहुंची।
गौरतलब है कि जिले में कांग्रेस नेताओं को मुकदमे व अतिक्रमण कार्रवाईयों से गुजरना पड रहा है। अभी एक दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राहुल यादव के पुराने इंदौर भोपाल हाईवे स्थित होटल पर प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की। इसमें तर्क दिया गया कि होस्टल की परमिशन लेकर होटल बनाया गया है। जबकि दो दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष राहुल यादव के छोटे भाई सनी यादव के ढाबे पर भी कार्रवाई की गई थी। शहर में चर्चा के अनुसार इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव के करीबी हैं। इस कार्रवाई के बाद जिले सहित प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेत्रत्व मौन है।
इससे पहले भी कांग्रेसी आए मुकदमे की जद में
इससे पहले भी बीते महीनों में करीब आधा दर्जन से अधिक कांगे्रसी नेता मुकदमों की जद में आ चुक है। बीते दिनों सितंबर महीने में शाहगंज के युवा कांग्रेस नेता निखित पालीवाक को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालना महंगा पड गया था। उन पर शाहगंज थाने में मामला दर्ज हुआ था साथ ही जेल भेजा गया थहा। इस मामले में पूर्व मुख्यमंऋी दिग्विजय सिंह द्वारा भी उनके पक्ष में टवीट किया गया था साथ ही क्षेऋीय कांग्रेसियों द्वारा ज्ञापन भी सौंपा था। इसी तरह जुलाई माह में कांग्रेस नेताओं द्वारा रेत के अवैध उत्खनन को लेकर पदयाऋा निकाली जा रही थी। नीलकंठ से सीहोर तक पदयाऋा निकाली जानी थी, लेकिन यह याऋा महज 13 किलोमीटर का ही सफर तय कर सकी थी और जिले में धारा 144 लागू हो इगर्ब थी। इस मामले में पुलिस ने आधा दर्जन कांग्रेसियों पर धारा 188 एवं 270 के तहत मामला दर्ज किया था और कांग्रेस नेता ब्रजेश पटेल, अजय पटेल, ओम जलोदिया, राहुल जलोदिया आदि को गिरफतार भी किया था, हालांकि गिरफतार कांग्रेस नेता कुछ देर बाद ही मुचलके पर रिहा हो गए थे। इसी तरह जिला मुख्यालय पर फेसबुंक पर पोस्ट डालने के मामले में कांग्रेस नेता आशीष गेहलोत, दीपक सिसोदिया, सर्वेश व्यास पर भी मामला दर्ज हुआ था।
कांग्रेस के शीर्ष नेत्रत्व की रणनीति ठंडे बस्ते में
जिले में कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमों को लेकर 11 अगस्त को भोपाल के कांग्रेस कार्यलय में वरिष्ठ नेताओं के नेत्रत्व में बेठक आयोजित की गई थी, इसमें जिले के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे। बैठक में रणनीति बनाई थी कि आगामी दिनों में सीहोर जिले में बडा आंदोलन किया जाएगा, लेकिन समय के साथ यह रणनीति भी ठंडे बस्ते में चली गई।
नगरीय निकाय चुनाव में पडेगा असर
कांग्रेस नेता कार्यकर्ताओं पर हो रही कार्रवाई के बाद निश्चित तौर पर उनके मनोबल पर भी असर पडा है। बावजूद कांग्रेस के बडे नेता चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव कांग्रेस के लिए नुकसान भरे साबित हो सकते हैं।

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