अब सभी की निगाहें जयश्री फूड फैक्टी के सैंपलों पर
मध्यप्रदेश। सीहोर जिले के नजदीक पनीर पफैक्टी के नाम जानी जाने वाली जयश्री फूड फैक्टी में दूध से बने उत्पाद बनाए जाते है, जब से यह फैक्टी लगी है तभी से चर्चा में रही है, इसके उत्पादों की गुणवत्ता परखने के लिए सीएम शिवराज सिहं के शुद्ध के लिए युद्ध अभियान अंतर्गत 23 नवम्बर को सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता के निर्देश के बाद एसडीएम आदित्य जैन की अगुआई में सेंपल लेने की कार्रवाई की गई थी और जिन उत्पादों के सेंपल लिए गए थे, उन्हें सेंपल के लिए भेजा गया था। अब सभी की निगाहें भेजे गए सेंपल की जांच रिपोर्ट पर अटकी है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय के नजदीक ग्राम पीपलिया मीरा में मौजूद स्थित पनीर फैक्ट्री में पनीर एवं दूध से बनाए जाने वाले कई उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इसके साथ ही घी, बटर का निर्माण किया जा रहा है। इन उत्पादों के सेंपल प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थित में 23 नवम्बर को टीम द्वारा लिए गए थे। मामला काफी चर्चाओं में रहा था।
गांव वाले लगाते आ रहे हैं आरोप
ग्राम पीपलिया मीरा के किसानों द्वारा इस फैक्टी से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थो के कारण उनके कुओं का पानी प्रभावित हो रहा है, आसपास के खेतों पर विपरीत प्रभाव पड रहा है। किसान पिछले तीन वर्षो से इस समस्या के निराकरण के लिए अधिकारियों को ज्ञापन, घरने तक कर चुके है पर मामला हर बार अंजाम तक नहीं पहुचता है। इस मामले में ग्राम पीपलिया मीरा की सरपंच प्रीति भारती का कहना है उनके द्वारा गांव के लोगों की समस्याओं और मांगो को कई अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को भी बताया है पर स्थाई हल नहीं निकल सका है।
अब ग्रामीण चिंता में
इस संबंध में ग्राम पीपलिया मीरा के किसान मांगीलाल का कहना है कि इस फैक्टी की वजह से उनकी जमीनों पर विपरीत प्रभाव पड रहा है, फसलें प्रभावित हो रही है, इससे खेती उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। यही हालात रहे तो खेती करने से कोई फायदा नहीं होगा। ऐसे में कई परिवारों के सामने रोजी रोटी का संकट भी सामने आ सकता है। प्रशासन यदि आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण करता है तो भी असलियत सामने आ सकती है। ग्रामीण लंबे समय से विरोध जताते आ रहे है, उनकी समस्याओं का हल कब निकलेगा यही ग्रामीणों की चिंता का विषय बना हुआ है।