कुपोषण पर सुपोषण का कितना मरहम लगा पाएगी सरकार
मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में कुपोषण के कारण हजारो की संख्या में बच्चे कुपोषित हैं, इसके देखते हुए कुपोषण को मिटाने के लिए सरकार द्वारा सुपोषण अभियान की शुरूआत की है; प्रदेश के कुपोषित बच्चेां को सरकार का सुपोषण अभियान कितना पोषित कर पाएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा कुपोषण को मिटाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है इस कुपोषण मुक्त होने के लाख दावे-वादे और घोषणाएं की जाएं परंतु विभागीय आंक़ड़े सबकी पोल खोलकर रख रहे हैं। साल 2019 दिसंबर में पूरे प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा बच्चे कम वजन और 1 लाख से ज्यादा अतिकम वजन वाले सामने आए थे; मध्यप्रदेश में कम वजन और अतिकम वजन वाले बच्चों की स्थिति दयनीय बनी हुई है;
इन जिलों की हालत खराब
मध्य्रपदेश में कम और अतिकम वजन के बच्चों के मामले में आधा दर्जन से अधिक जिले ऐसे हैं जिनकी हालत खराब है इनमें मुरैना, गुना, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन वहीं रीवा-सतना-सीधी, दमोह-सागर, रतलाम और उज्जैन जिले में भी 20 हजार से ज्यादा बच्चे कम और अतिकम वजन वाले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में कम और अति कम वजन के बच्चे है
सरकार की योजनाएं
प्रदेश में कुपोषण को मिटाने के लिए करीब आधा दर्जन योजनाए सरकार द्वारा चलाई जा रही है और इनका क्रियान्वयन प्रदेश में संचालित हो रही 92 हजार 343 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है; इसमें बच्चों को पोष्टिक आहार से लेकर सुदूर ग्राम अंचलों के बच्चों के आहार की व्यवस्थाएं भी शामिल है;
उपचार की व्यवस्था
मध्यप्रदेश में कम वजन एवं अति कम वजन के बच्चों को उपचार के लिए मध्यप्रदेश में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक पुर्नवास केन्द्र इसके अलावा जिन जिलों में अतिकम वजन के बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब है और अति कम वजन के बच्च्े अधिक है वहां उनके उपचार के लिए तहसील मुख्यालयों पर भी पुर्नवास केन्द्रों की स्थापना है जहां ऐसे बच्चों का उपचार किया जा रहा है
सुपोषण का मरहम
भारत सरकार द्वारा कुपोषण को दूर करने के लिए जीवनचक्र एप्रोच अपनाकर चरणबद्ध ढंग से पोषण अभियान चलाया जा रहा है ,भारत सरकार द्वारा 0 से 06 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती एवं धात्री माताओ के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में समयबद्ध तरीके से सुधार हेतु महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय पोषण मिशन का गठन किया गया है राष्ट्रीय पोषण मिशन अर्न्तगत कुपोषण को चरणबद्ध तरीके से दूर करने के लिए आगामी 03 वर्षो के लिए लक्ष्य निर्धारित किये गये है जिसका मुख्य उददेश्य अतिकम वजन के बच्चों के प्रतिशत में कमी लाना यह योजना कितनी कारगर साबित होगी यह तो वक्त ही बताएगा