भाजपा कांग्रेस अध्यक्षों में नेतृत्व की कमी या वजह कुछ ओर
— आठ महीने बाद भी खडी नहीं कर सके अपनी टीम
राजेश शिवहरे
सीहोर। कहते हैं किसी भी मैच को जितने के लिए एक कप्तान व पूरी टीम की जरुरत होती है, लेकिन सियासत में यह परिपाटी उलट नजर आ रही है। यहां कप्तान अकेले ही मैच जीतने पर उतारु है। सियासत का यह अनोखा मैच मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले में देखने को मिल रहा है। यहां भाजपा और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष आठ—आठ महीने बाद भी अपनी टीम का गठन नहीं कर सके हैं। हालांकि सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार अब जोरों पर गर्म है कि दोनों ही पार्टियों के अध्यक्षों में नेतृत्व की कमी है या फिर वजह कुछ ओर।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश् के सीहोर जिले में कांग्रेस की कमान पूर्व मुख्यमंऋी कमलनाथ के समर्थक बलवीर तोमर संभाल रहे हैं, जबकि भाजपा की ओर से स्वयं मुख्यमंऋी शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेऋ के रवि मालवीय। दोनों ही अध्यक्षों को बने करीब आठ—आठ महीने हो गए हैं, लेकिन विडम्बना यह है कि दोनों ही अध्यक्ष अपनी टीम का गठन नहीं कर सके हैं। नतीजतन दोनों ही पार्टियों की सियासत भगवान भरोसे चल रही है। कांग्रेस की ओर से टीम का गठन नहीं होने की वजह से वह इस जिले में सही ढंग से विपक्ष की भूमिका नहीं निभा पा रही है। जबकि भाजपा की ओर से गठन नहीं होने का खामियाजा उसके उन नेताओं को भुगतना पड रहा है जो कहीं न कहीं इन पदों के काबिल है।
खडे हो रहे नेतृत्व पर सवाल
दोनों ही अध्यक्षों द्वारा अपनी टीम का गठन नहीं कर पाने पर अब इनकी पार्टी के नेताओं द्वारा इनके नेतत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कहीं न कहीं वरिष्ठ नेताओं द्वारा टीम का गठन नहीं करने दिया जा रहा है या फिर यह दोनों नेता अपनी टीम का नेतत्व करने में सक्षम नहीं।