MP POLITICS : मप्र के सियासी टाईगरों में किसके समर्थकों को मिलेंगे अहम पद
मध्यप्रदेश। यूं तो देश भर में उप चुनाव थे। उपचुनावों परिणाम आ गए हैं। परिणामों का यही संदेश है कि देश के अन्य प्रदेशों में हुए उप चुनावों से कोई बहुत ज्यादा बनने बिगडने वाला नहीं था पर मध्यप्रदेश के उपचुनाव में सत्ता दांव पर थी। मध्यप्रदेश में भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोनों ही मजबूत हुए है। मजबूती से सत्ता में भी वापसी हो गई है। मगर चौहान बैचेन है इस बैचेनी के सियासी गलियारों में कई मतलब निकाले जा रहे है।
अब सभी को विदित है। सत्ता का पूरा घटनाक्रम आमजनता के सामने ही है। सरकार गिरने से लेकर सरकार बनने तक के सफर के बाद अब चुनौतियों का दौर शुरू हो रहा है।
मध्यप्रदेश में उपचुनाव के बाद से फिर से यह चर्चा होने लगी है कि अब मध्यप्रदेश में दो दो सियासी टाइगर है। यह दो कौन टाइगर है सब जानते है। अब दो टाइगर हैं तो दोनों के बीच टकराव की संभावनाएं भी बहुत हैं। मध्यप्रदेश में तीन मंत्री चुनाव हारे है तीन मंत्रियों के स्थानों की भरपाई और मंत्री मंडल के विस्तार को लेकर अब जोड तोड शुरू हो गई है। कौन से टाइगर के खेमे से कितने मंत्री होंगे और कौन से टाइगर के विधायक मलाईदार विभाग के मंत्री बनेंगे। सियासी सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही है कि विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
प्रभु—सिलावट की रिकार्ड जीत
मध्य प्रदेश में 10 तारीख को चुनाव के परिणाम आने के बाद से मंत्री मंडल का विस्तार होना है इसमें ज्यातिरादित्य सिंिधया के कटटर समर्थक डा प्रभुराम चौधरी और तुलसी सिलावट दोनों ही इस उप चुनाव में रिकार्ड मतों से जीत दर्ज की है। इनके कद में इजाफा होने की संभावना बन रही है। हालांकि अभी तक मंत्री मंडल का विस्तार हुआ नहीं है और पहले से ही विभागों के बंटवारे को लेकर कश्मकश शुरू हो गई है, अब किसे कौन सा विभाग मिलेगा और किसके विभाग में बदलाव होगा यह तो वक्त बताएगा।