MADHYA PRADESH : कैसी होगा विकास, गले – गले तक कर्ज में डूबा है प्रदेश
— कर्ज में डूबी सरकार कितना विकास करेगी प्रदेश का ?
– दो साल में कांग्रेस और भाजपा की सरकारें ले चुकी हैैं 8 हजार करोड़ रुपए का कर्ज
[mkd_highlight background_color=”” color=”RED”]दिलीप पाल[/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश। प्रदेश के इतिहास मेें शायद यह पहली बार ऐसा हुआ है कि पांच साल के लिए चुनी गई सरकार की इतनी वित्तीय स्थिति बिगड़ी की पहले कांग्रेस और बाद में भाजपा की सरकार को कर्ज लेकर प्रदेश का काम काज चलाना पड़ रहा है। वर्ष 2018 के विधान सभा चुनाव के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने हितों को ही आगे रखा है।
प्रदेश की जनता और बढ़ती बेरोजगारी की ओर इन नेताओं का ध्यान नहीं गया या फिर यह लोगों को गुमराह करते रहे। अब सबाल यह खड़े हो रहे हैं कि पिछले दो सालों में दोनों ही दलों की सरकारों ने जो 8 हजार करोड़ रुपए का कर्जा लिया था वह खर्च कहां किया गया है, क्योंकि प्रदेश में इन दो वर्षों में ऐसे कोई भी विकास कार्य नहीं किए गए हैं जिनका खुले दिल से उल्लेख किया जा सके। वही पुरानी योजनाऐं अलट-पलट होकर जन सामान्य के बीच आती रहीं। ऐसा नया कुछ भी नहीं किया गया जिससे प्रदेश की जनता को सीधा लाभ पहुंचा हो। अब आगे क्या होगा यह भी फिलहाल तो कुछ नहीं कहा जा सकता है।
वित्तीय मामलों के जानकारों का कहना है कि विश्व बैंक से सरकारों के कर्जा लेने की लिमिट जो निर्धारित की जाती है वह भी एक तय सीमा तक होती है। इससे बाहर कोई भी सरकार नहीं जा सकती है। सरकारों के कर्जे लेने और इसे खर्च करने का पूरा लेखा जोखा इन सरकारों को देना होता जो अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है। जबकि इस प्रदेश में सत्ता का उलट फैर भी हो गया है।