‘माई के लाल’ वाले जख्म पर शिवराज सिंह चौहान को लगाना ही पड़ा मरहम
— राजपूत समाज के शस्त्र पूजन की अंतर्कथा
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कीर्ति राणा[/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश। भाजपा संगठन और संघ के हीथ में कमान हो तो शिवराज सिंह को हर आदेश मानना ही पड़ता है। पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में उनके माई के लाल वाले बयान ने ब्राह्मणऔर राजपूत मतदाताओं में खासी नाराजी पैदा कर दी थी, इसका परिणाम यह रहा कि करणी सेनासहित अन्य राजपूत संगठनो ने सपाक्स पार्टी के साथ मिलकर प्रदेश भर में आंदोलन चलाया और नतीजे में कांग्रेस की सरकार बन गई। इस बार चुनाव में भी राजपूत समाज आरक्षण और माई कालाल वाले जख्म भूला नहीं है। समाज की इस नाराजी को दूर करने के लिए संगठन की इच्छा मुताबिक सांवेर विधानसभा क्षेत्र के राजपूतों का शस्त्र पूजन समारोह नक्षत्र गार्डन में आयोजित कियागया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का इंदौर का कोई कार्यक्रम नही था, उन्हें तो 29 अक्टूबर को सांवेर मेंरोड शो के लिए आना था लेकिन रातोंरात उनका कार्यक्रम तय हो गया, वे शस्त्र पूजन समारोह मेंशामिल हुए, राजपूत समाज को खुश करने वाली घोषणाएं की और रवाना हो गए।
राजपूत समाज के शस्त्र पूजन की अंतर्कथा यह थी कि पिछले विस चुनाव में ‘माई के लाल’ वालेभाषण से हुए जख्म पर वे एक तरह से मरहम लगाने आए थे।भाजपा संगठन का मानना है कि सम्मेलन में की गई घोषणाओं से राजपूत समाज की लंबे अर्से से की जा रही मांगे मंजूर होने से समाज खुश हुआ है।
भाजपा के कई नेताओं को रात तक जानकारी नहीं थी कि मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री इंदौर आ रहेहैं।मामला राजपूत समाज से जुड़ा था और सांवेर विधानसभा उपचुनाव में राजपूत समाज केमतदाताओं की संख्या 30 हजार से अधिक होने जैसे कारणों से शिवराज का आगमन एक तरह से‘माई के लाल’ वाले जख्म पर सूई से मरहम लगाने जैसा रहा।
मंच के नीचे पूजन की तैयारी थी, आयुध पूजन होना था लेकिन मुख्यमंत्री को अनूपपुर, खंडवा आदिक्षेत्रों में प्रचार के लिए भी जाना था।उन्हें हाल में प्रवेश करते देख सांसद नंदकुमार सिंह चौहान नंदूभैया ने फटाफट अपना भाषण खत्म करते हुए समाज की प्रमुख मांगों का जिक्र किया और मुख्यमंत्रीचौहान को मंच पर आमंत्रित कर दिया।मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचे, विजयादशमी पर्व की बधाई दी, समाज द्वारा रखी गई मांगों पर मंजूरी दी।
समारोह में मुख्यमंत्री का भाषण जब समाप्ति की ओर था, तब श्रोताओं में शामिल कुछ महिलाएं औरपुरुष अपनी कुर्सी से उठे और जातिगत आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ अचानक नारेबाजी शुरू करदी। उन्होंने मामाजी (चौहान का लोकप्रिय उपनाम) सबको नौकरी दो और हम अपना अधिकारमांगते, नहीं किसी से भीख मांगते जैसे नारे भी लगाए। नारे लगाने वाली महिलाओं में शामिल सरलासोलंकी ने मीडियाकर्मियों से चर्चा में कहा कि सरकारी क्षेत्र की शिक्षा तथा नौकरियों में समाज केसभी वर्गों को समान अवसर दिए जाने चाहिए और जातिगत आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था खत्म कीजानी चाहिए।
नारेबाजी के बीच अपने व्यस्त चुनावी कार्यक्रम का हवाला देकर मुख्यमंत्री समारोह स्थल से रवानाहोने के लिए मंच से उतरे ही थे कि नंदानगर में रहने वाले युवक मनोहर रघुवंशी ने नारेबाजी करते हुएउनके पास जाने की कोशिश की। युवक का आरोप था कि जब चुनाव आता है तब ही राजपूतसमाज की याद आती है जबकि 2018 के चुनाव में शिवराज सिंह ने कहा था राजपूत और ब्राह्मणसमाज के वोट से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, कोई माई का लाल आरक्षण समाप्त नहीं कर सकता।रघुवंशी का कहना था मैं मुख्यमंत्री से राजपूत समाज को आरक्षण देने की मांग करने जा रहा थालेकिन कुछ पुलिस कर्मी मुझे पकड़कर ले गए और बाथरूम के पास एक कोने में बंद कर दिया। इसतरह मेरी आवाज को दबा दिया गया।
-सांवेर विधानसभा के राजपूतों को जोड़ने का जिम्मा पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को
तुलसी सिलावट के चुनाव क्षेत्र सांवेर में राजपूत समाज का बड़ा वोट बैंकहै।2018 के विधानसभाचुनाव में शिवराज सिंह का ‘माई के लाल’ वाला भाषण एक तरह से भाजपा की सरकार नहीं बनपाने वाले कारणों में प्रमुख रहा था।सांवेर चुनाव प्रभारी के रूप में रमेश मेंदोला पूरे क्षेत्र में लगे हैं और संगठन ने उषा ठाकुर को राजपूत समाज को जोड़े रखने का दायित्व सौंप रखा है।इस बड़े वोट बैंक मेंउनकी पैठ का ही असर है कि तुलसी सिलावट एकाधिक बार पर्यटन मंत्री के निवास पर चर्चा के लिएजा चुके हैं।
पर्यटन मंत्री के साथ मुकेश राजावत, मोहन सिंह सेंगर, जय राजपूताना संघ के प्रदेशाध्यक्ष लाखनसिंह तंवर पालाखेड़ी, श्रवण सिंह चांवड़ा, दुल्हे सिंह राठौड़, दिलीप सिंह पंवार, भारत सिंह चिखली, प्रेम सिंह ढाबली, सूरज सिंह धनखेड़ी, सुमेर सिंह मगर खेड़ा, लाखन सिंह आदि सांवेर क्षेत्र केसमाजजनों में सक्रिय हैं।
-मनुआभान की टेकरी पर बनेगा पद्मिनी का स्मारक, हर साल दो शौर्य पुरस्कार-शिवराज सिंह
नक्षत्र गार्डन में सांवेर क्षेत्र के राजपूत समाज द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्रीशिवराज सिंह चौहान ने समाज द्वारा की गई मांगों को मंजूरी देकर समाजजनों का दिल जीत लिया। मुख्यमंत्री ने कहा महारानी पद्मिनी की प्रेरक जीवन गाथा पर मनुआभान की टेकरी पर स्मारक बनानेका फैसला पिछली सरकार में हमने ले लिया था। सरकार से हटने के बाद इस दिशा में कुछ कर नहींपाए।अभी पांच दिन पहले उस जमीन को दिखवाया, फैसला लिया है कि भव्य स्मारक वहीं बनायाजाएगा।आप समाज के पांच लोग तय कर दें जो स्मारक संबंधी प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध करा दें। महारानी पद्मिनी को लेकर बनाई गई विवादास्पद फिल्म हमारे सम्मान पर आघात थी, सबसे पहलेहमने प्रतिबंध लगाया।फिल्म प्रदर्शन रोकने को लेकर समाज के जिन नौजवानो पर मुकदमे बने हैं, ऐसे सारे प्रकरण वापस लिए जाएंगे, क्योंकि वह अन्याय का विरोध था। उन्होंने यह घोषणा भी कीकि पद्मावती की प्रेरक जीवन गाथा को पाठ्यपुस्तक मेँ शामिल किया जाएगा।सरकार प्रति वर्ष 2-2लाख रु की सम्मान निधि वाले दो शौर्य पुरस्कार देगी एक महाराणा प्रताप शौर्य पुरस्कार, दूसरामहारानी पद्मिनी पुरस्कार।
-क्षत्रियों ने अपना इतिहास खुद लिखा-सांसद चौहान
मुख्यमंत्री से पहले संबोधित करते हुए सांसद नंदकुमार सिंह चौहान (नंदू भैया) ने कहा क्षत्रियों काइतिहास क्षत्रियों ने अपने खून की स्याही और तलवार की कलम से लिखा है। बाकी समाजों काइतिहास, इतिहासकारों ने लिखा है। क्षत्रियों में नेतृत्व का स्वाभाविक गुण रहा है।सांसद चौहान नेअखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष दुल्हे सिंह राठौड़ द्वारा की गई समाज हित कीमांगों का वाचन करते हुए मुख्यमंत्री से मंजूरी का अनुरोध किया।संचालन का जिम्मा निगम के पूर्वसभापति अजय सिंह नरुका को था, उनका समाज में प्रभाव भी है लेकिन सांवेर क्षेत्र के विभिन्न गांवोंके राजपूत सरदारों की प्रतिक्रिया थी वो गांवों के कितने राजपूतों को जानते हैं, यह काम सांवेर केकिसी समाजजन को देना था।
-इस सम्मेलन की सफलता है मांगों की मंजूरी-राठौड़
क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष दुल्हे सिंह राठौड़ निपानिया का कहना था लंबे समय से हम जोमांगे कर रहे थे, उसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी, यह इस सम्मेलन की सफलता है।यही नहीं मुख्यमंत्री नेइस संबंध में ट्विट भी किया है। सम्मेलन में सांसद शंकर लालवानी, सांवेर चुनाव प्रभारी विधायकरमेश मेंदोला, विधायक मालिनी गौड़, नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे, प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा, गोविंद मालू आदि भी मौजूद थे।