चुनाव क्या आये बंटने लगे रोजगार
मध्यप्रदेश। इस दौरान बिहार में विधान सभा के आम चुनाव हो रहे हैं, तो वहीं मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं, चुनावों में जनता किसे चुनेगी, यह तो अभी उसके मन में ही है, पर एक बात तो साफ होने लगी है, कि जनता जाग रही है, शायद इसका असर सियासी दलों पर दिखाई देने लगा है। बिहार में भाजपा कांग्रेस बसपा आरजेडी सहित अन्य प्रमुख दल अब रोजगार की बातें करते नजर आ रहे हैं।
अब हालत यह है कि नौकरियां और रोजगार बंटने लगे हैं, रोजगार पर पहला पत्ता बिहार में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने फेंका, उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाते हुए बिहार की गददी मिलने के बाद 10 लाख रोजगार देने की घोषणा कर डाली। पहले तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने ही इन रोजगारों पर सवाल खड़े किये तंज भी कसा कि सभी लोगों को रोजगार दे दो तो पैसा कहां से लाओगे। पर जैसे ही आरजेडी द्वारा किये गए रोजगार की घोषणा का असर दिखने लगा तो भाजपा भी रोजगार के दंगल में कूद पड़ी और 19 लाख रोजगार देने का वादा युवाओं को कर डाला।
– जीते तो अब यह करेंगे
एनडीए गठबंधन की तरफ से वादे बिहार की जनता से किये जा रहे हैं, उनमें शिक्षा का इंतजाम, समाज को मजबूत बनाने, उद्योग, गांव शहर का विकास, 10 हजार डाक्टरों की भर्ती, दरभंगा में एम्स की स्थापना, गरीबों को पक्के मकान सहित कई वादे एनडीए की ओर से कर दिये गए है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में वर्तमान भाजपा सरकार ने भी 4 हजार सिपाहियों की भर्ती का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस पहले ही किसानों की कर्ज माफी सहित कई अन्य जन हितैषी योजनाओं की घोषणा कर चुकी है।
– भड़काऊ वक्तव्य और नेताओं से परहेज
इस बार चाहे मध्य प्रदेश में उप चुनाव की बात हो, या फिर बिहार के विधान सभा चुनाव की, बीते कुछ वर्षों से चुनावों में यह हालत हुई है कि जैसे ही चुनाव आने को होते, तो पाकिस्तान हिन्दू मुस्िलम के मुददे जोर पकड़ने लगते, आग उगलने वाले नेताओं के भाषणों को आम जन तक पहुंचाया जाता, ऐसा लगता था, देश वाकई खतरनाक स्िथति में चला गया है, पर इस बार चुनाव रोजगार और मंहगाई, कानून व्यवस्था पर लौटने लगा है, इसलिए भडकाऊ भी अभी ज्यादा नहीं आये हैं, और भड़काने वाले नेताओं से भी सियासी दलों द्वारा परहेज किया जा रहा है।