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लापरवाही पड़ सकती है भारी: प्रधानमंत्री मोदी

 

इस साल सातवीं बार किया देश को संबोधित

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर अभी तक हमने बहुत लंबा सफर तय किया है। आर्थिक गतिविधि तेज करने घरों से बाहर निकल रहे हैं। बाजारों में रौनक धीरे धीरे लौट रही है। कोरोना का वायरस नहीं गया है। सुधरी हुई स्थिति को बिगड़ने नहीं देना है और अच्छा करना हैं। दूसरे देशों की तुलना में भारत में रिकवरी रेट बहुत अच्छा है। जो अन्य साधन संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने नागरिकों की जान बचाने में ज्यादा सफल हुआ है। महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमने मेडिकल सुविधाओं में विस्तार किया है। वारियर्स काफी मेहनत कर रहे हैं। कोरोना से खतरा बना हुआ है जो तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि हमने लापरवाही बरतना शुरू कर दिया है जो अपने परिवार के सदस्यों को संकट में डालने का काम है। यूरोपीय देश में कोरोना वापसी कर रहा है। इस अवसर पर कबीर के दोहे का उल्लेख किया। जिसमें पकी फसल देखकर लापरवाही बरतने वाले की हालत का जिक्र किया। इस कारण कोरोना के खिलाफ रती भर भी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है। पूरी दुनिया में वेक्सीन पर काम चल रहा है। भारत में भी काम चल रहा है। जब भी आयेगी हर नागरिकों तक वेक्सीन पहुंचाने के लिए काम हो रहा है।
रामचरित मानस की चौपाई का उदाहरण दिया और कहा कि शत्रु को छोटा समझने की भूल नहीं करना है। उत्सव के माहौल में कठिन समय को पीछे छोड़ आगे बढ़ रहे हैं। तब कोटोना को लेकर ढिलाई नहीं की जाए। दो गज की दूरी, मास्क और हाथ धुलाई में कोताही नहीं बरतें। सभी से आग्रह से कह रहा हूँ कि कोरोना के खिलाफ जन जागरण बनाये रखें। तेज गति से आगे बढ़ें। नवरात्रि, दिवाली, ईद, गुरु नानक जयंती आदि उत्सव की बधाई देता हूँ।

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