MP BY ELECTION : कांग्रेस परंरागत तो भाजपा नए मतदाता बढ़ाने पर दे रही जोर
– उपचुनाव में वोटों के गणित पर भाजपा और कांग्रेस की जोर आजमाईस
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]दिलीप पाल[/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश। प्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उन सीटों पर मतदाताओं के प्रतिशत को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों का गणित गड़बड़ा गया है। दरअसल 2018 के चुनाव में कांग्रेस, भाजपा से इन 27 सीटों पर वोट प्रतिशत में आगे थी। उपचुनाव वाली 28 सीटों में से 27 सीटें कांग्रेस 4.20 लाख वोटों से जीती थीं। केवल एक सीट आगर भाजपा के पास गई थी। 22 में से 20 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर थे। 22 में से 20 सीटों पर जीत और हार का अंतर 10 हजार से कम रहा था। अब इस चुनावी गणित के चलते भाजपा ने नए और शहरी क्षैत्र के मतदाताओं पर जोर देना शुरु कर दिया है तो वहीं कांग्रेस का पूरा फोकस अपने परंपरागत वोटरों पर रहेगा।
– ग्वालियर की सियासत पर सबसे ज्यादा जोर
वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान ग्वालियर संभाग की सीटों पर हुआ था। निश्च्ति रुप से इसमें कोई दो राय नहीं है कि इन सीटों पर कांग्रेस को जीत उनके परंरागत वोट और पूर्व कांग्रेस नेता एवं वर्तमान भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से मिली थी लेकिन अब हालात् बदल गए हैं। अब इन करीब 18 सीटों पर मतदाताओं को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि नेताओं ने जब दलबदल कर लिया है तो वह भी अपना निर्णय सोच विचार कर लें। यदि मतदाताओं ने थोड़ी सी भी जागरुकता का परिचय दिया तो यह तय मान लें कि चुनाव परिणाम बहुत ही रोचक आने वाले हैं। वैसे भी अब यह माना जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में मतदाता अब पहले की तरह लकीर के फकीर नहीं रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा सीट पर सिंधिया को भाजपा के छोटे से कार्यकर्ता ने पटकनी देकर आम जनता की जागरुकता का संकेत दे ही दिया है।