नाश्ते की तरह नाटक का आर्डर भी कर सकते हैं ऑनलाइन !
— इंदौर थियेटर ने आपदा में तलाशा अवसर
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कीर्ति राणा[/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश। मनपसंद नाश्ता-खाना ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए तो विभिन्न कंपनियां सेवा दे ही रही हैं ऐसे में यदि किसी रहवासी संघ की घर बैठे नाटक देखने की इच्छा हो जाए तो…? ऐसी इच्छा की पूर्ति इंदौर थियेटर संस्था करेगी।इंदौर में तो ओपन एयर थियेटर कल्चर विकसित हुआ नहीं है लेकिन कोरोना की तमाम गाइड लाइन के पालन में नाटक के लिए ओपन एयर थियेटर ही एकमात्र विकल्प बचा है।
शहर में आए दिन होने वाले संगीत जलसे तो ठप्प हैं, इस पेशे से जुड़े गायक और संगीत कलाकार फाकाकशी के दौर से गुजर रहे हैं और मजबूरी में अन्य रोजगार कर रहे हैं।नाटक करने, कराने का शौक रखने वाले रंगकर्मी नाटकों की रिहर्सल कर भी लें तो नाटक करें कहां? हॉल की अनुमति मिल भी जाए तो खर्चा कैसे जुटाए, वह भी जुटा लें तो दर्शक कैसे आएं।शहर में ओपन एयर थियेटर हैं नहीं कि सूचना मिलने पर दर्शक घूमते फिरते नाटक देखने पहुंच जाएं।
इंदौर थियेटर के अध्यक्ष सुशील गोयल ने ऐसी परेशानियों का हल खोज लिया है।शहर के विभिन्न क्षेत्रों की बहुमंजिला इमारतों के रहवासी संघ, मोहल्लेवाले यदि उन्हें फोन कर के नाटक देखने की इच्छा जाहिर करेंगे तो इंदौर थियेटर से जुड़ी संस्थाओं के रंगकर्मियों का दल उस मल्टी, मोहल्ले या बगीचे में समसामयिक विषय आधारित लघु नाटक पेश करने पहुंच जाएंगे।देश में अपने तरीके की इस अनूठी पहल का मुख्य उद्देश्य आमजन को नाटकों से जोड़े रखना तो है ही साथ ही अनावश्यक खर्च के बोझ से भी दर्शक-आयोजकों को बचाना है।
सुशील गोयल ने चर्चा में कहा हमारे साथी कलाकार नुक्कड़ नाटक की तर्ज पर प्रस्तुति देंगे, जिसमें रंगभूषा, माइक-मेकअप आदि की अनिवार्यता नहीं रहने से अनावश्यक खर्च बचता है। जिस भी कॉलोनी-मल्टी से फोन आएगा, रंगकर्मी वहां निर्धारित समय पर पहुंच कर नाट्य प्रस्तुति देंगे। नाटक समाप्ति पश्चात रहवासी संघ ही कलाकारों के चाय-नाश्ते की व्यवस्था करेगा और आवश्यक सम्मान निधि भी भेंट करेगा। कलाकारों का मान-सम्मान बना रहेगा, कोरोना गाइड लाइन का पालन भी हो जाएगा और लोगों की घर बैठे नाटक देखने की इच्छा भी पूरी हो जाएगी।
— चयन के लिए नाटकों की क्लिपिंग भी हो
ख्यात रंगकर्मी सुशील जौहरी ने इंदौर थिएटर की इस पहल को आज के दौर के लिहाज से समसामयिक बताया है।जौहरी का सुझाव है कि तैयार नाटकों की क्लिपिंग भी रहे ताकि नाटक देखने के इच्छुक रहवासी संघ अपनी पसंद मुताबिक नाटक के लिए रंगकर्मियों को आमंत्रित कर सकें।
— कोरोना काल में कलाकारों के हित में
संगीत कला संदेश के अध्यक्ष अभिषेक गावड़े ने कोरोना काल में चुनौतियों से जूझ रहे कलाकारों के लिए बेहतर पहल बताया है।गावड़े का कहना था रहवासी संघ के आमंत्रण पर नाट्य प्रस्तुति देने से कलाकारों का मान-सम्मान भी कायम रहेगा।एक निश्चित मानदेय भी तय होना चाहिए।