MP BY ELECTION : शिव के लिए परेशानी न खड़ी कर दे सियासत का इंदौरी षड्यंत्र
मध्यप्रदेश। कहते हैं कि सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता। यहां एक दूसरे को हराने के लिए हर दम शतरंज रूपी चाले बिछती रहती है। आगे निकलने की होड़ में सियासी शतरंज किस घडी किसके लिए परेशानी बन जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे ही एक सियासी षड्यंत्र की सुगबुगाहट इन दिनों इंदौर में महसूस की जा रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि षड्यंत्र रूपी चाल में मध्यप्रदेश के मुखिया अपने मोहरों के दम पर विरोधियों को शिकस्त दे पाएंगे या नहीं यह तो आने वाले उपचुनाव के परिणाम ही बता पाएंगे।
मध्यप्रदेश की सत्ता में 15 साल तक भाजपा का कब्जा रहा है। इसमें करीब 14 साल तक प्रदेश की कमान सीहोर जिले की बुदनी विधानसभा से विधायक शिवराज सिंह चौहान संभाले हुए थे। गत चुनाव में यहां कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त दी और प्रदेश की सत्ता में काबिज हो गई। कमलनाथ प्रदेश के मुखिया बने। हालांकि वे महज डेढ साल तक सत्ता का सुख भोग सके और कांग्रेस में मचे अंचरुनी घमासान के कारण सत्ता हाथ से चली गई और िफर से भाजपा आ गई। हालांकि भाजपा को पूरे कार्यकाल तक राज करने के लिए आने वाले दिनों में उपचुनाव रूपी अग्नि परीक्षा से गुजरना है। इसके लिए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान अपनी टीम के साथ दिन रात मेहनत कर रहे हैं।
मनोबल गिराने के लिए षड्यंत्र
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का मनोबल गिराने के लिए इन दिनों प्रदेश में एक षड्यंत्र की बू आ रही है। यह बू ओर कहीं से नहीं बल्कि इंदौर की लग रही है। बीते दो दिन पहले सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो कुछ ऐसा ही संकेत दे रहा है। इस वीडियो में सांवेर में शिवराज सिंह चौहान की सभा के दौरान भीड नदारत दिखी और वे खाली कुर्सियों को अपना संबोधन देते रहे। इतना ही नहीं कुछ दिन पूर्व मुख्यमंऋी शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले आष्टा में भी एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। हालांकि सीहोर में उपचुनाव नहीं है, लेकिन मनोबल गिराने के लिए सियासत का इंदौरी षड्यंत्र यहां भी काम कर सकता है। हुआ यूं कि आष्टा नगर में चेक वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। समारोह में राज्य शिक्षा मंऋी इंदर सिंह परमार भी शाामिल हुए। यहां कार्यक्रम के दौरान मंच के ठीक पीछे एक बैनर लगा था, इस बैनर से शिवराज सिंह चौहान का फोटो नदारद दिखा। हालांकि यह पहला ही अवसर होगा जब जिले के किसी कार्यक्रम में बैनर से सीएम का फोटो नदारद हो, यह बैनर सियासी गलियारों में खूब चर्चा का विषय बना रहा।