Madhy Pradesh

MP BY ELECTION : किंगमेकर की हसरत ताे मायावती को करना होगी मध्यप्रदेश में इंट्री

मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश में उप चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ने लगी है। जहां भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं के बीच पहुंचने का आगाज कर दिया है। जुबानी तीर भी चलने लगे हैं। इधर मध्यप्रदेश की सियासत में दखल से चुनावी परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाली बहुजन समाज पार्टी यदि मध्यप्रदेश में अपनी भूमिका किंगमेकर की चाहती है, तो बसपा सुप्रीमो मायावती को भी प्रदेश में इंट्री करना होगी।
बहुजन समाज पार्टी मध्यप्रदेश के आम चुनावों में अपना प्रभाव लगातार खोती जा रही है, जहां मध्यप्रदेश से बसपा के पास सांसद हुआ करते थे, वर्तमान में महज दो विधायक है। 2018 में बसपा के प्रदर्शन की बात की जाए तो ग्वालियर चंबल अंचल में बसपा केवल भिंड विधान सभा सीट को जीत में बदल सकी थी। बसपा इस क्षेत्र में विधान सभा चुनाव 2013 का जलवा भी बरकरार नहीं रख पाई थी। एक बार फिर उपचुनाव सामने है और बसपा के पास मौका है अब वह कितना भुना पाती है इसके लिए तो इंतजार करना ही होगा।
– तीसरी ताकत का तमगा
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है, बसपा का प्रदेश में जनाधार कम हो रहा है, ग्वालियर चंबल अंचल में बसपा का दखल है, 2018 के आम चुनावों के परिणामों को देखें तो बहुजन समाज पार्टी जिन 28 विधान सभा की सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां बसपा 2 लाख 86 हजार 803 मत हासिल कर तीसरी ताकत का तमगा बरकरार रखा था। हालांकि कुछ सीटें उसके हाथ से फिसल गई थी।
– बसपा को किंग मेकर बनाने वाली सीटें
बसपा 2018 के विधान सभा चुनावों में कुछ खास नहीं कर पाई, पर सत्ता की अदला बदली के बाद बसपा भी खेल में शामिल हो गई है। 28 सीटों में से ये वो सीटें है, जहां बसपा कुछ भी उलटफेर करने में सक्षम दिखाई दे रही है। उसमें है पोहरी विधान सभा 2018 में 52 हजार 736 मत, करैरा- 40 हजार 20 मत, मुरैना जिले की जौरा 41 हजार 14 मत, सुमावली 31 हजार 331 मत, मुरैना- 21 हजार 149 मत, अंबाह 22 हजार 179 मत हासिल किये थे, आंकड़ों के मुताबिक यहां बसपा की जमीन मजबूत है। यह विधान सभा की सीटें बसपा को किंग मेकर बना सकती है।
– ताकत में कर सकती हैं इजाफा
विधान सभा 2018 के चुनावों में बसपा को बड़ा मलेहरा 14 हजार 922 वोट, मुंगावली 14 हजार 202 मत, डबरा – 13 हजार 155 मत, दिमनी 14 हजार 456 मत, बमोरी-7 हजार 176 मत, मेंहगांव 7597, अशोकनगर 9559 मत हािसल हुए थे। यह कुल 7 सीटें हैं जहां बहुजन समाज पार्टी को 7 हजार से 15 के बीच मत हासिल हुए हैं। यदि यहां उपचुनावों में बसपा ताकत झाैंकती तो उपचुनावों को दिलचस्प बना सकती है। बसपा को इन सीटों 2018 के चुनावों में भले ही कम वोट मिले हों, लेकिन इन सीटों पर उसका अच्छा प्रदर्शन भी रहा है। इसलिए यहां उलटफेर की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
– फंस सकती है त्रिक्रोणीय संघर्ष में
मध्यप्रदेश में भले ही मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा हो, लेकिन 28 विधान सभा सीटों में करीब एक दर्जन सीटों पर बहुजन समाज पार्टी को 2018 में मिले मतों का आधार माने तो त्रिक्रोणीय संघर्ष बना सकती है। यह तो तय है कि बसपा इस बार उपचुनाव लड़ने जा रही है, अपने 8 उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है।
– प्रदर्शन की गूंज जाएगी यूपी तक
बहुजन समाज पार्टी पिछले चुनावों में उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। अब मध्यप्रदेश के उपचुनाव बसपा के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं, मध्यप्रदेश में बसपा के प्रदर्शन की गूंज यूपी तक पहुंचेगी। चंबल क्षेत्र यूपी की सीमाओं को छूता है। यहां के चुनाव परिणाम बसपा कार्यकर्ताओं के मनोबल की दिशा भी तय करेंगे। मध्यप्रदेश के उपचुनावों में बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति कितनी कारगर होगी। यह तो उप चुनाव के परिणाम ही बतायेंगे।
– चर्चित चेहरे की कमी
बहुजन समाज पार्टी पर वर्तमान स्िथति नजर डाली जाए तो मध्य प्रदेश में बसपा के पास कोई चर्चित चेहरा नहीं, दूसरी ओर 2018 के बाद कोई बड़ा जन आन्दोलन भी बसपा खड़ा नहीं कर पाई है। बहुजन समाज के अन्य सियासी दल एवं सामाजिक नेताओं से चुनौती मिल रही है सो अलग। फिलहाल बसपा स्थानीय और प्रदेश के नेताओं के सहारे है।
– मायावती को लेना होगी इंट्री
मध्यप्रदेश के उपचुनाव पर जब सरकार की आवाजाही टिकी हुई है, ऐसे चुनाव का प्रचार प्रसार भाजपा और कांग्रेस पूरी ताकत झौंकेगी, जहां कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं के अलावा प्रियंका गांधी की इंट्री होने की चर्चाएं हैं, भाजपा के हाथ में तो अभी सत्ता है, तो चुनाव लड़ने वाले भी कई उम्मीदवार तो मंत्री पद पर काबिज हैं, भाजपा के पास स्टार प्रचारकों की लंबी लिस्ट है। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी यदि मध्यप्रदेश में किंग मेकर बनने की चाहत रखती है तो बसपा सुप्रीमो मायावती यदि ग्वालियर चंबल क्षेत्र में इंट्री करती है। तो चुनाव प्रचार और परिणाम दोनों चौका सकते हैं।

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