मध्यप्रदेश : सीएम के गृह जिले में किसानों का क्यों बिगडता है मानसिक संतुलन !
मध्यप्रदेश। प्रदेश को पांच मर्तबा कृषि कर्मण अवार्ड दिलाने वाले किसान का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है..। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिला सीहोर में जब भी कोई किसान आत्महत्या करता तो घटना की जांच रिपोर्ट में प्रशासन मृतक किसान का मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना कारण बताता है। यह काफी गंभीर बात है कि सीएम के गृह जिले में किसानों का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और वो इसके चलते आत्महत्या कर रहे हैं। लेकिन इस गंभीर मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय या आला अधिकारियों ने सीएम का ध्यान अर्किषित नहीं करवाया है।
दरअसल, हाल ही में गांव गुडभेला में एक बुजुर्ग किसान बाबूलाल वर्मा ने अपने खेत की मेड पर लगे पेड से फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। किसान की आत्महत्या पर सवाल उठाए गए। आत्महत्या का कारण सोयाबीन की खराब फसल होना बताया गया,जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी भोपाल तक दिन भर खूब हंगामा हुआ। उसी दिन स्थानिय प्रशासन ने प्रेस नोट जारीकर बताया कि मृतक किसान को बिमारी थी और उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था,इसलिए उसने आत्महात्या की है। इधर, कांग्रेस ने इस किसान की मौत को राजनीति की सडक पर दौडा दिया है।
इसी तरह अब कुछ बरस पहले इछावर तहसील के गांव में एक किसान ने आत्महत्या की थी। उस समय देश में किसान की आत्महत्या के कई मामले सामने आ रहे थे और मीडिया में किसान फ्रेम में था तो मृतक किसान की आत्महत्या का मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया। जिला प्रशासन ने आत्महत्या का प्रमुख कारण बताया कि मृतक किसान का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था,इसलिए उसने आत्महत्या की। इस मामले में किसान के परिवार के बयान भी शामिल किए गए।
यह मान भी लिया जाए कि आत्महत्या करने वाले किसानों का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था तो क्या यह चिंता का विषय नहीं है। किसानों का मानसिक संतुलन क्यों बिगड रहा है और किसनों के बिगडते मानसिक संतुलन को लेकर कोई कदम क्यों नही उठाए गए? सवाल बहुत गंभीर है कि क्यों सीहोर के किसानों का मानसिक संतुलन खाराब हो रहा है।