लड़कियों के खिलाफ हिंसा का एक बड़ा कारण है आसमान्य लिंगानुपात : आईजी दीपिका सूरी
— डॉ.बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विवि महू द्वारा विशिष्ट वेब व्याख्यान
मध्यप्रदेश। डॉ.बीआर अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विवि महू द्वारा विशिष्ट वेब व्याख्यान श्रृंखला में आज आईजी क्राइम अगेंस्ट वीमेन मध्य प्रदेश , दीपिका सूरी ने बालिकाओं के खिलाफ हिंसा विषय पर बात करते हुए बताया कि महिलाओं-बच्चियों के खिलाफ हिंसा का एक बड़ा कारण आसमान्य लिंगानुपात है। यौनअपराध , रेप, ट्रैफिकिंग आदि कई रूपों में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसाएं हमारे समाज में रोज घटित होती हैं। उन्होंने ने कहा महिलाओं और लड़कियों के विरुद्ध जितने भी अपराध घटित होते हैं उनमें से अधिकतर में परिचितों-नजदीकी संबंधियों की संलिप्तता होती है। कई बार ऐसे मामलों में शिकायत करने और विरोध करने की स्थितियां कठिन हो जाती हैं। वर्तमान समय में चाइल्ड प्रोनोग्राफी, ऑनलाइन शोषण जैसी घटनाएं बढ़ी हैं, साथ ही मिसिंग चिल्ड्रन के केस बहु बढ़े है लैंगिक अनुपात कम होता जा रहा है । उन्होंने कहा आम तौर पर बदनामी के डर से, वीडियो अथवा फोटो के गलत तरीके से वायरल हो जाने जैसे डर के चलते काफी संख्या में मामले दर्ज नही होते है। ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कानूनों में विभीन्न बदलाव किए गए हैं। पॉक्सो एक्ट 2012 के अंतरगत बच्चों के प्रति यौन शोषण प्रोनोग्राफी जसे अपराधों को रोकने के लिए प्रावधान किए गए हैं। भारतीय दंड संनीत 376 एवं 354 में ऐसे अपराधों को शामिल किया गया है जो पहले नही थे।
डायल100,सहायता केंद्र,वन स्टॉप सेंटर ,ऑनलाइन एप्प्स के द्वारा इन अपराधों को रोकने के प्रयास किये जा रहे है।इसको रोकने के लिए संयुक्त प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा स्कूल, कॉलेज में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।पुलिस के साथ समाज को भी सहयोगात्मक मनोवृत्ति रखनी होगी।महिलाओं और लड़कियों को प्रेरक औऱ समर्थ करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए दीपिका सूरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि लड़कियों के विरुद्ध हो रहे अपराधों की रोकथाम और पीड़ित को कानूनी सहयोग दिलाने में पुलिस के साथ-साथ समाज को भी आगे आना होगा। ताकि सही समय पर सही निर्णय ले सके। मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के रोकथाम और आपराधिक गतिविधयों के चलाई जा रही मुहिम के बारे में भी अपने विचार साझा किया। यह वेब व्याख्यान ब्राउस फेसबुक पेज पर सम्पन्न हुआ।