मप्र में 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूँ किसानों से खरीदा
मध्यप्रदेश। प्रदेश में अभी तक समर्थन 1 करोड़ 27 लाख 67 हजार 628 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है। देश के सभी राज्यों द्वारा कुल उपार्जन गेहूँ का 33 प्रतिशत मध्यप्रदेश में उपार्जन किया गया है। पूरे देश में 3 करोड़ 86 लाख 54 हजार मेट्रिक टन गेहँ का उपार्जन किया गया है। गत वर्ष की तुलना में मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन में 74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष मध्यप्रदेश में 73.69 लाख गेहूँ का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया था।
14 लाख 19 हजार किसनों के खातों में 20 हजार 253 करोड़ की राशि भेजी जा चुकी है। किसानों को समय से भुगतान हो सके, इसके लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था उपार्जन अवधि के पूर्व ही सुनिश्चित की गई।
उपार्जित गेहूँ के भंडारण और परिवहन की चुनौती का भी सफलता पूर्वक सामना किया गया। कुल उपार्जित गेहूँ में से 118 लाख मीट्रिक टन का परिवहन कर सुरक्षित भंडारण किया जा चुका है, जो कि खरीदी मात्रा का लगभग 95 प्रतिशत है। इस बार जितने किसानों ने पंजीयन कराया था उनमें से 81 प्रतिशत गेहूँ बेचने के लिए उपार्जन केन्द्रों पर आयें, जो अपने आप में एक रिकार्ड है। पिछले वर्ष किसानों का टर्न आउट 48.36 प्रतिशत था जो इस बार 81 प्रतिशत रहा है। यह अभी तक का सर्वाधिक टर्न आउट है। इस बार एक और महत्वपूर्ण बात हुई है। पिछले वर्ष लघु एवं सीमांत किसानों का उपार्जन में भाग लेने का प्रतिशत केवल 40 प्रतिशत था जो बढ़कर इस बार 84 प्रतिशत हो गया है। इससे स्पष्ट है कि इस बार लघु और सीमांत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने पर अधिक लाभ हुआ है। शासन ने 130 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता विकसित कर ली है, जो गेहूँ भंडारण के लिए शेष है, उसका भंडारण भी बहुत शीघ्र सुनिश्चित कर लिया जायेगा। गेहूँ के परिवहन में 10 हजार से अधिक ट्रकों का उपयोग किया गया है। सरकार ने 135 लाख मीट्रिक टन खरीदी के लिए बारदानों की भी व्यवस्था की है।