Madhy Pradesh

मप्र देश का पहला राज्य जहां सभी विश्वविद्यालय प्रबंधन का एक सॉफ्टवेयर

 

— लॉकडाऊन कै दौरान तैयार किया विश्वविद्यालय प्रबंधन का सॉफ्टवेयर

 

मध्यप्रदेश। लॉक डाऊन कै दौरान विश्वविद्यालय प्रबंधन का सॉफ्टवेयर तैयार किया है।  सॉफ्टवेयर डेव्हलपमेंट का कार्य 20 सदस्यीय टीम द्वारा किया गया है। इसमें 10 सदस्य विश्वविद्यालय के अध्ययनरत छात्र हैं। अन्य 10 भूतपूर्व छात्र शमिल हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर का उपयोग सभी विश्वविद्यालय कर सकेंगे। इस सॉफ्टवेयर से विश्वविद्यालय कक्षाओं और ऑनलाइन होने वाले सभी काम कर सकते है। विश्वविद्यालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर से विश्वविद्यालय के काफी काम वर्क फ्रोम होम से हो सकते है। इस सॉफ्टवेयर को राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील कुमार की देखरेख में तैयार किया गया है।

विश्वविद्यालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर को तैयार करने वाली टीम में शमिल नीतेश ने बताया कि सॉफ्टवेयर में आधुनिकतम टेकनालॉजी का प्रयोग है। सीनियर सॉफ्टवेयर आर्कीटेक्ट गौरव ने बताया कि सॉफ्टवेयर का फंक्शनल रिक्यारमेंट सिस्टम एफआरएस बहुत विस्तृत और प्रभावी है। इनके साथ सत्यम मिश्रा, साक्षी जैन, तनिष्क सोनी, संजय सिंह, पुनीत सेथा, मोहम्मद सालिक फारुखी, आशीष प्रजापति, पारूल नेमा और मोनिका साहू ने सॉफ्टवेयर को लेकर काफी जानकारी दी।

— मप्र में विश्वविद्यालयों की आत्मनिर्भरता की शुरूआत

कुलपति सुनील कुमार ने बताया कि लॉक डाऊन की चुनौती के बीच वर्क फ्राम होम की नई कार्य संस्कृति और विश्वविद्यालयों की आत्मनिर्भरता के नये दौर की शुरूआत विश्वविद्यालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर का निर्माण है। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं द्वारा दिया जाने वाला शुल्क जो निजी क्षेत्र में चला जाता था। वह अब उनके शैक्षणिक विकास में उपयोग होगा।

— राज्यपाल ने बढ़ाया मनोबल

राज्यपाल लाल जी टंडन लॉक डाऊन अवधि में सृजन कार्य करने वालों का मनोबल बढ़ाने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पहुँच कर उन्होंने ऑन लाइन डेव्हलपर टीम के साथ चर्चा की। उनके अनुभव और भविष्य की योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। उनका उत्साहवर्धन किया। राज्यपाल श्री टंडन के कहा कि इच्छाशक्ति और प्रवृत्ति मिल जाये तो सफलता निश्चित है। लॉक डाउन की चुनौती के दौरान सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट खोजपरक शिक्षा का प्रमाण है। सॉफ्टवेयर का निर्माण कोविड-19 की चुनौती और सीमित संसाधनों के साथ किया गया है। यही भावना सफलता की शक्ति और सुखद भविष्य की अनन्त सम्भावनाओं का आधार है।

–24 लाख विद्यार्थियों के साथ सीधे सम्पर्क सुविधा

राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे कहा कि विश्वविद्यालयों के पास 24 लाख विद्यार्थियों के साथ सीधे सम्पर्क सुविधा उपलब्ध हो गई है। अध्ययन घंटों के संधारण के आधार पर परीक्षा परिणाम के निर्धारण जैसी अभिनव सम्भावनाओं पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा, संरक्षण, विश्वास ने कार्य के प्रति सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराया जो सफलता का मूल तत्व है। उन्होंने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा निर्माण कार्य को हाथ में लेने के साहसिक कदम उठाने और फंक्शनल रिक्वायरमेंट सिस्टम को तैयार कराने में विश्वविद्यालयों के सहयोग का भी उल्लेख किया।

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