Madhy Pradesh

मप्र सीएम के जिले में जिम्मेदारों की लापरवाही से कोरोना का बढ़ता खतरा

मध्यप्रदेश। एक ओर देश भर में कोरोना वायरस की महामारी के कारण जहां आमजन घरों में कैद हैं वहीं शासन और प्रशासन कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए रातदिन जुटा हुआ है। दूसरी ओर कोरोना से बचाव की शिक्षा और तौर तरीके पर अमल करते हुए जागरूक करने वाले डाॅक्टर ही लापरवाही कर रहे हैं, इससे सीहोर शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ने खतरा लगातार बना हुआ है।

सीहोर शहर में डाॅक्टरों की लापरवाही का नमूना एक नहीं अनेक जगहों पर देखने में आ जाएगा। यह जिम्मेदार आवश्यक सेवाओं का लाभ उठाकर अपनी दुकानें चला रहे हैं लेकिन कोरोना से बचाव की बेसिक चीजें भी फालो नहीं कर रहे हैं। बीते दिवस इस प्रतिनिधि ने शहर के अधिकांश निजी अस्पतालों और प्राइवेट तौर पर प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सकों के यहां जाकर स्थितियों का अवलोकन किया तो साफ नजर आया कि यह जिम्मेदार कितने गैरजिम्मेदार हैं और लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

शहर के निजी अस्पतालों में न तो आगंतुकों के लिए हाथ धोने के लिए साबुन पानी की व्यवस्था है और न ही हैंड सेनेटाइजर ही रखा गया है। इसके अलावा यहां आने वाले आगंतुकों से निर्धारित दूरी का पालन भी नहीं कराया जाता है। यही हाल निजी प्रेक्टिस करने वाले डाॅक्टरों की है। इन डाॅक्टरों के क्लिीनिक एक छोटी दुकान में संचालित हैं और यहां आने वाले लोग भीड़ के रूप में जमा होते हैं यहां आने वालों को निर्धारित दूरी सोशाल डिस्टेंसिग का पालन भी नहीं कराया जा रहा है और न ही हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था है। प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में यहां लोग आ रहे हैं और डाॅक्टर भी लापरवाही पूर्वक कोविड 19 के तहत जारी शासन के नियमों को ताक पर रखकर रोगियों का उपचार कर रहे हैं। यह हाल जिला मुख्यालय के हैं तो तहसील मुख्यालयों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालात होंगे?, आसानी से ही अनुमान लगाया जा सकता है।

जिला प्रशासन ने सीहोर जिला मुख्यालय सहित कई तहसील क्षेत्रों में लॉकडउान में अनेकों राहत प्रदान की हैं लेकिन इन राहतों का दुरूपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। लापरवाही के चलते ही ग्रीन झोन में बना रहने वाला जिला अब ऑरेंज झोन में आ गया है और यहां प्रतिदिन रोगियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा जनहित में औचक निरीक्षण प्रारंभ किया जा कर ऐसे डाॅक्टरों और निजी अस्पतालों के विरूद्ध कार्रवाई करना चाहिए ताकि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ की जा रही लापरवाही पर तत्काल रोक लगाई जा सके।

सीहोर जिला 44 दिन तक ग्रीन झोन में बना रहा है लेकिन अब यहां कुल पांच कोरोना मरीजों की संख्या दर्ज हो गई है। जिसमें एक महिला की मौत हुई है।

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