क्या आपको पता है जिसे आप तारे समझते वो ग्रह है और इन दिनों पृथ्वी के बेहद नजदीक भी…
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”] सारिका घारू[/mkd_highlight]
खगोल और ब्रह्मांड विज्ञान को समझना आपके लिए जरूरी है,तारे,ग्रह,चांद और सूरज इनकी जानकारी हो तो आपको आसमान को देखने में उताना ही आंनद आयेगा जितना प्रकृति की अन्य कृतियों को देखने में आता है। क्या आपको पता है कि कुछ लोग जिसे तारा समझते वो तारा नही एक ग्रह है और इन दिनों पृथ्वी के बेहद नजदीक आ गया है। उसकी चमक इस समय बहुत अधिक है ,तिसकी वजह से वह सूरज के ढलते ही सबसे पहले आसमान में चमकता दिखाई देता है। दरअसल, वो ग्रह शुक्र वीनस है। कुछ लोग इसकी चमक के कारण इसे तारा समझते और ध्रुव तारा बोलते है,जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है।
सूरज के छिपते ही पश्चिमी आकाश में सबसे पहले दिखाई देने वाला सोलर सिस्टम का दूसरा प्लेनेट वीनस अपनी सामान्य चमक से अधिक तेज चमक रहा है। विगत 28 अप्रैल को वीनस की अपनी सामान्य चमक से लगभग तीन गुना अधिक तेज थी। पृथ्वी का यह पड़ौसी शुक्र ग्रह इस समय पृथ्वी के बेहद नजदीक है।
वीनस का सूरज से प्रकाशित भाग जब स्काई डोम के अधिकतम भाग की ओर होता है तब यह सबसे अधिक चमकीला दिखता है। विगत एक पखवाड़े से यह स्थिति बन रही है।
जिस प्रकार चंद्रमा की कलायें दिखाई देती हैं उसी प्रकार वीनस की भी कलायें दिखती हैं। चंद्रमा पूर्णिमा पर 100 प्रतिशत प्रकाशित होने पर सबसे ज्यादा चमकीला होता है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वीनस का जब लगभग 25 फीसदी भाग प्रकाशित दिखता है तब यह सबसे अधिक चमकीला ( gretest illuminated extent ) दिखता है। इसका कारण यह है कि वीनस की इस क्रिसेंट फेस ( crescent phase ) में पृथ्वी के आकाश का सबसे अधिक भाग कव्हर होता है और यह पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है।
वीनस की विदाई का समय आ गया है। अब रोजाना इसकी चमक फीकी पड़ती जायेगी और पश्चिम दिशा में यह नीचे की ओर दिखता हुआ विदा लेगा। आगामी 3 जून को यह शाम के आकाश से दिखना बंद हो जायेगा। तो आईये ढ़लती शाम को निहारें नजदीकी चमचमाते वीनस को।
( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक है )