निजी अस्पताल की मनमानी, समान्य बिमारी के मारीजों का इलाज करने से इंकार
— सामान्य मरीज को तीन स्थानों पर किया रैफर, परिजनों ने लगाया आरोप
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]वसीम उददीन[/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश। कोरोना संक्रामण संकट में निजी अस्पताल की मनमानी कर रहे है। उन पर प्रशासन कर नियंत्रण नहीं है। निजी अस्पताल समान्य बिमारी के मरीजों का इजाज करने से इंकार कर कई मरीजों की जान मुसीबत में डालने रहे है। ऐसा ही एक मामला सीहोर जिल के दोराहा में हुई हैं। जहां निजी अस्पताल ने एक बुर्जग महिला का इलाज करने से इंकार कर दिया। जिसकी वजह से महिला को इलाज में मिलने में देरी हुई। अब निजी अस्पताल प्रबंधन ने किसी का भी इलाज न करने का सरकारी आदेश का हवाला देकर ममाले को रफा दफा करने की कोशिश की है,जबकि ब्लाक मेडिकल अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश नहीं है।
दरअसल,छोटा बाजार दोराहा निवासी अजय नाथ निवासी अपनी दादी मुलिया बाई की तबीयत खाराब होने पर उन्हें लेकर दोराहा जोड़ स्थित सिद्धिविनायक हॉस्पिटल पहुंचा। वहां मौजूद स्टाफ ने उसे बाहर ही नीचे बैठा दिया। काफी देर तक किसी डॉक्टर ने आकर नहीं देखा और ना ही कोई प्राथमिक उपचार दिया गया। जब मुलिया बाई की हालत अधिक खाराब होने लगी तो अजय नाथ उन्हें लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गया। जहां उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद सीहोर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सीहोर से फिर उन्हें भोपाल रेफर किया गया।
–मरीज के परिजनों ने लगाया सिद्धिविनायक हॉस्पिटल पर आरोप
मुलिया बाई के परिजनों ने कहा कि सिद्धिविनायक हॉस्पिटल की मनमानी के चलते मरीज को इलाज मिलने में देरी हुई। जिसकी वजह से कोई अनहोनी हो सकती है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने बोला कि किसी का इलाज न करने के सराकरी आदेश है।
— जांच के बाद होगी कार्यवाही
हमने ऐसा कोई आदेश नही दिया है कि किसी मरीज को न देखें अगर ऐसा हुआ है तो उनके खिलाफ कायर्वाही करेंगे। ( एचपी सिंह ब्लाक मेडिकल अधिकारी, श्यमापुर )