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ब्रम्हरसायन लेने से दोबारा कोरोना होने की गुंजाइश 50 फीसदी तक कम

 

कोविड – 19 कोरोना से ठीक होने के बाद भी दोबारा भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। उत्तरप्रदेश समेत चीन आदि में देखा चा चुका है। इसके लिये चालीस से ज्यादा औषधीय द्रव्यों से मिलकर बना आयुर्वेदीय ब्रम्हरसायन लेने से पचास फीसदी तक दोबारा कोरोना संक्रमण की गुंजाइश कम हो सकती है।

ऐसा मानना है मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल के प्रोफेसर व आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय का। डॉ पाण्डेय ने बताया कि बिल्व, पुनर्नवा, शतावरी, मुलेठी, ब्राम्ही, शंखपुष्पी, कंटकारी, गोक्षुर, इलाइची, राल, दालचीनी, हल्दी, हरीतकी, आमलकी, श्योनाक, जीवंती समेत चालीस से ज्यादा औषधीय द्रव्यों से यह बना है और बाजार में उपलब्ध है। मध्यप्रदेश में 305 से ज्यादा लोग , राजस्थान में 520 से ज्यादा, देशभर में 7137 से ज्यादा व पूरी दुनिया में 928995 से ज्यादा संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं।

डॉ पाण्डेय ने बताया कि ब्रम्हरसायन को 3 से पांच साल के बच्चों को 2.5 से 3.5 ग्राम ( आधा चम्मच) , 5 से 12 साल के बच्चों को 3.5 से 5 ग्राम ( एक चम्मच तक) , 13 से 19 साल के बच्चों को 5 से 7.5 ग्राम तक और 19 से 60 साल तक को 10 ग्राम तक दिया जा सकता है । इसका सेवन स्वस्थ व्यक्ति भी कर सकता है परंतु गर्भवती महिलायें व डॉयबिटिक मरीज चिकित्सक के परामर्शानुसार यह सेवन करें। रोजाना सादे पानी में दो- चार बूंदें तुलसी रस की डालकर भाप लेने के साथ ही नाक में डालने के लिये अणुतैल प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क प्रयोग, हाथ- शरीर का सेनेटाइजेशन करते रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा समझाइस के अनुसार घर पर रहकर लॉकडाउन का पालन करें। ध्यान रखें कि बचाव जरूरी है।

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