कोरोना पर अश्वगंधा, मुलेठी, गिलोय और आयुष-64 को भी अजमायेगा आयुष
कोविड 19 कोरोना की रोकथाम-नियंत्रण के लिये अब केंद्रीय आयुष मंत्रालय अश्वगंधा, मुलेठी, गिलोय के साथ -साथ सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद साइंसेज द्वारा अनुमोदित सप्तपर्ण , कुटकी, चिरायता, कुबेरक्षा शीड से बनी आयुष – 64 आयुर्वेदीय औषधीय दवा को आजमायेगा। कोविड – 19 कोरोना वैश्विक महामारी के बढ़ते चरण व कोई निश्चित अनुमोदित उपचार न होने के कारण अब आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी व होम्योपैथी- आयुष मैनेजमेंट के साथ ही क्लीनिकली ट्रायल की अनुमति केंद्र सरकार ने दे दी है। भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी पीएन रंजीत कुमार के हस्ताक्षर से मंगलवार 21 अप्रैल को केंद्रीय गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है । क्लीनिकल ट्रायल की सफलता के बाद प्रमाणिक आयुष दवाओं से इलाज भी हो सकेगा।
मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल के प्रोफेसर व आयुर्वेद पीजी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा क्लीनिकल रिसर्च को मंजूरी देने के साथ ही विभिन्न संक्रामक रोगों पर प्रमाणिक आयुर्वेद औषधि शीघ्र आने की संभावना बढ़ गयी है । संभावना जतायी जा रही है कि जल्द ही भोपाल, जयपुर, जामनगर, पटना, रायपुर, लखनऊ, दिल्ली के साथ -साथ 11 नेशनल आयुष संस्थानों को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है।