कोरोना संक्रामण से बचाव के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने आयुष औषधियां करें सेवन, औषधियों के नाम जान लें
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]डॉ राकेश पाण्डेय[/mkd_highlight]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन – 2 को 03 मई तक आगे बढ़ाने की घोषणा के साथ केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिये जारी एडवाजरी पर अमल करने की बात कही। मानसरोवर आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल के प्रोफेसर डॉ राकेश पाण्डेय ने बताया कि एडवाजरी के अनुसार यह करें।
- — दिनभर गर्म ( गुनगुना) पानी पीते रहें।
— रोजाना 30 मिनिट तक योगासन, प्राणायाम करें।
— भोजन पकाने में हल्दी, जीरा , लहसुन, धनिया जैसे मसालों का उपयोग करें।
— सुबह एक चम्मच यानी 10 ग्राम च्यवनप्राश लें और डॉयबिटीज वाले सुगरफ्री च्यवनप्राश लें।
— तुलसी, दालचीनी , कालीमिर्च, मुनक्का व सोंठ का काढ़ा बनाकर दिन में एक या दो बार लें तथा जरूरत के अनुसार इसमें गुड़ या नीबू के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं ।
— 150 मिली गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी पावडर मिलाकर दिन में एक या दो बार लें।
— नारियल तैल, तिल तैल या घी को दोनों नासिका छिद्रों में सुबह – शाम लगावें ।
— एक चम्मच तिल तैल या नारियल तैल को मुंह में भरकर दो से तीन मिनिट तक घुमायें , इसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ये दिन में दो बार तक किया जा सकता है ।
— गला खराब या खांसी आने पर ताजा पुदीना या अजवाइन की भाप दिन में एक या दो बार लें।
— कफ हो तो लौंग पावडर को शहद में मिलाकर लें।
यह सामान्य उपचार है। यदि आपको निम्न समास्या बनी रही तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें।
–विटामिन-डी बहुत जरूरी
लॉकडाउन के कारण घर के भीतर लगातार रहने के कारण सीधे सूर्य का प्रकाश न मिलने के कारण विटामिन -डी की कमी आ सकती है, इसकी पूर्ति के लिये खिड़की खुली रखें ताकि सूर्य का प्रकाश आता रहे। मानसरोवर भोजन के साथ -साथ दही, गाय का दूध, दलिया, मशरूम, पालक, सैल्मन, सोयाबीन, पनीर चीज, ऑरेंज जूस का सेवन करते रहें। विटामिन -डी की कमी से शीघ्र थकान, जोड़ों में दर्द, पैरों में सूजन, ज्यादा सीधे खड़े न रह पाना, मांस पेशियों में कमजोरी आ जावेगी। डॉ पाण्डेय ने कहा कि कोविड – 19 कोरोना वैश्विक महामारी के नियंत्रण व बचाव के लिये शारीरिक इम्यूनिटी पावर बढ़ाना ही होगा और मास्क प्रयोग, कई बार हाथ – पैरों की साबुन से सफाई, सेनेटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है ।
( लेखक आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता है )