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गुडफ्राइडे क्यों है गुड…

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]मनीषा शाह[/mkd_highlight]

 

 

यह सुनकर सभी को आश्चर्य होता होगा Good Friday अर्थात जिस दिन प्रभु ईसा मसीह को क्रॉस ( सूली ) पर चढा दिया गया हो तो वह दिन आखिर good कैसे हो सकता है ।
आइए इसे समझने का प्रयास करते हैं… इसकी शुरुआत तब से हुई जब युवावस्था में ही यीशु मानवता और शांति की मशाल लेकर अकेले ही निकल पड़े… वह ऐसा समय था जब रोम और यहूदियों में अपने -अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष चल रहा था… ऐसे समय में जहां एक और यह संकट चल रहा था.. दूसरी ओर अंधविश्वास तथा घोर विलासिता रूपी अंधकार तत्कालीन साम्राज्य पर छा रहा था… इन सब स्थितियों को देखकर यीशु ने जन जागृति की मुहिम प्रारंभ की…. जो उस समय कट्टरपंथी धर्म गुरुओं को रास नहीं आई… और उन्होंने यीशु का विरोध करना प्रारंभ कर दिया…. इस बात की भनक रोमन गवर्नर पिलातुस को पडी.. तो उसने अपने राज्य के कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए षड्यंत्र रचा… और यीशु को घोर यातनाएं देते हुए… सलीब पर चढ़ा दिया..।
सलीब पर चढ़ाते समय यीशु के हाथ में नुकीली कीलें ठोके गये… परंतु उस महान आत्मा ने इतनी यातनाओं के बीच भी अपने धैर्य और
क्षमाशीलता का दामन नहीं छोड़ा… बल्कि सभी के प्रति दया का भाव रखते हुए कहा…

” हे ईश्वर इन्हें क्षमा करना क्योंकि यह नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं”

इस दिन जब प्रभु यीशु को सलीब पर चढ़ाया गया. अर्थात उस महान आत्मा ने इस नश्वर देह का त्याग किया उस दिन फ्राइडे था… इस दिन यीशु ने शारीरिक रूप से तो प्राण त्याग दिए थे परंतु उस दिन जन्म हुआ था एक . मानव के प्रति मानव के निस्वार्थ प्रेम -क्षमा -दया -करुणा रूपी नई रोशन विचारधारा का… उस दिन केवल अंत हुआ था धार्मिक कुरितियों.. स्वार्थ पूर्ण मानसिकता का…. परंतु जन्म होने वाला था इस विश्व को फिर से नई राह दिखाने वाले मैसेंजर ऑफ गॉड का… Good Friday के 2 दिन बाद जिसे ईस्टर EASTER के रूप में बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है.. और गुड फ्राइडे की अद्भुत विशेषता को परिभाषित किया जाता है ..|

प्रभु यीशु ऐसे महामानव हुए जिन्होंने जीवन और मृत्यु के बीच के अंतर को हटाते हुए यह संदेश दिया कि महत्व इस शरीर का नहीं अपितु उस विचारधारा का है जो परिवर्तन का संचार करती है,.. मनुष्य को एक सभ्य और अच्छा मानव बनने के लिए प्रेरित करती है.. क्षमा -करुणा और दान का संचार करती है..

प्रभु यीशु ने यथार्थ ही कहा है अपने सत्यता को साबित करने के लिए दान करते समय किसी और के सामने प्रदर्शित नहीं करना चाहिए ऐसे दान का ईश्वर के सामने कोई महत्व नहीं है.. ढिंढोरा पीटकर किया गया दान तो केवल पाखंड को प्रदर्शित करता है…। आप की दान वीरता को नहीं…

Good Friday के पावन दिन ऐसी ही कामना परमेश्वर से है कि मानव मात्र में दया , करुणा , क्षमा ऐवं सेवा की भावना निरंतर प्रवाहित रहे….

 

 

 (  लेखिका एमटेक डिग्री प्राप्त इंजीनियर है   )

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