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इस कठिन समय में सावधानी, सतर्कता एवं समझदारी ही एकमात्र दवा : वीरायतन साध्वी पूज्य शाश्वत पूर्णाश्री

 

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”] वीरायतन साध्वी पूज्य शाश्वत पूर्णाश्री[/mkd_highlight]

 

 

आज समग्र विश्व एक कठिन समय से गुजर रहा है… आज प्रत्येक देश, राज्य ,गांव और व्यक्ति भय ,चिंता एवं दुख से पीड़ित है…. ऐसे समय में प्रत्येक व्यक्ति का मन भविष्य को लेकर व्याकुल एवं चिंतित है…. कोरोना
एक ऐसा वायरस है… जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित होता है…. यह संक्रमण रोगी व्यक्ति के संसर्ग में आने वाले प्रत्येक वस्तु को छूने से भी होता है.. और यही पहलू इस वायरस को और भी भयावह बनाता है….
आज दुनिया के सारे विज्ञान ..सारी दवाइयां ….इस वायरस के आगे घुटने टेक चुकी है…। इसका अभी तक अचूक इलाज नहीं है.. यह और भी चिंता का विषय है…. ऐसे समय में सावधानी, सतर्कता एवं समझदारी ही एकमात्र दवा है….।
किसी भी व्यक्ति को छूना आज आपको यमराज के दरवाजे तक भेजने में सक्षम है…। आज कोरोना के रोगी कहीं छींक दिया या उबासी ली, उस हवा में भी यह वायरस 3 से 4 घंटे तक रहता है…। यदि कोई उसी जगह में से गुजरा तो वह वायरस उसे भी जकड़ सकता है। आपकी सुरक्षा आपके स्वयं के हाथों में है।
वैसे भी एक कहावत है, धरती का आखिरी छोर क्या है वह छोर है स्वयं का घर..। इंसान को सुकून और सुरक्षा केवल अपने घर में ही मिलती है..। और यह कहावत आज शत् प्रतिशत सही साबित हो रही है…। आप केवल और केवल घर में ही सुरक्षित हैं, ना जाने बाहर कहां-कहां यह वायरस छिपा बैठा है, न जाने कौन इस से पीड़ित है, जो आपके और आपके संपूर्ण परिवार को विपरीत परिस्थितियों में धकेल सकता है,। इसलिए स्वयं की और स्वयं के परिवार की संपूर्ण सुरक्षा के लिए घर में रहे,..सुरक्षित रहें ।

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