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किसके डर से मध्यप्रदेश भाजपा विधायकों का हुआ कोरोना टेस्ट

 

 ( कपिल सूर्यवंशी/ इनसाइड स्टोरी एक्सक्लूसिव )

 

मध्यप्रदेश। कांग्रेस सरकार की कुर्सी खींचकर उस पर बैठने को आतुर भारतीय जनता पार्टी अपने अभियान में किसी भी तरह की कमी नहीं छोडना चाहती है। यही वजह है कि कल विधायकों का कोरोना टेस्ट कराने से इंकार वाली भाजापा ने मंगलवार को चुपचाप सीहोर जिले के इछावार में बने रिसॉर्ट ग्रेसेस में ठहरे सभी विधायकों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसमें सभी विधायकों का कोरोना टेस्ट भी शामिल था। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को बहुमत परीक्षण मामले पर सुनवाई होना है।

रिसॉर्ट ग्रेसेस में ठहरे बीजेपी विधायकों का कोरोना टेस्ट भोपाल के नर्मदा अस्पताल की एक 8 सदस्यीय टीम ने किया है। अस्पताल की टीम ने सभी विधायकों का कोरोना टेस्ट के लिए सेम्पल लिया है। अस्पताल की एक 8 सदस्यीय टीम में डॉक्टर राजेश शर्मा और डॉक्टर बॉटनी शामिल थे।

केंद्र एवं राज्य सरकार कोरोना को महामारी घोषित कर चुकी हैं। प्रदेश में भाजपा लगातार फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है तो अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सबकी निगाहें अब न्यायालय के फैसले तक लगी हुई है। भोपाल में मौजूद कांग्रेस विधायकों का तो कोरोना टेस्ट हो गया था, लेकिन भाजपा टेस्ट से बचती आ रही थी। लेकिन मंगलवार को होटल ग्रेसेस में ठहरे विधायकों कोरोना टेस्ट करवाया लिया गया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी के सलाहकारों ने सलाह दी थी कि ​बीजेपी विधायकों हरयाणा और दिल्ली रहकर वापस भोपाल आए उन्होंने सफर किया है और एयरपोर्ट,रिसॉर्ट में कई लोगों के संपर्क में आए होंगे इसलिए उनका कोरोना टेस्ट होने के मामला कोर्ट में कांग्रेस उठा सकती है। अगर कोर्ट के अनुसार पहले विधायकों का कोरोना टेस्ट करना पडा तो फिर एक दिन निर्णय टल जाएगा। इसके अलावा भी इतने तनाव में विधायकों का मेडिकल परीक्षण होना जरूरी मानकर बीजेपी ने परीक्षण करवाया है।

— शिवराज का कमलनाथ पर हमला

रिसॉर्ट ग्रसेस में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कमलनाथ पर फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इलेक्टसिटी रेगुलरटी आथार्टी में कमीशन में चेयरमैन बनाने की साजिश की जा रही है। भैया यह काम अब दूसरे को करने है। भागते – भागते जितना चाहे उपकृत कर लो वह कर लो यह उनके बदहवास को दर्शाते हैं। लेकिन जल्दी क्या भैया। यह संवैधानिक कृत्य कर रहे हैं। बीजेपी इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर कमलनाथ सरकार की शिकायत की है।

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