बीजेपी पर एक -एक दिन भारी अब फिर कल तक इंतजार
दिल्ली। मप्र में कांग्रेस सरकार को गिरने की जल्दी बीजेपी को बहुत है। बीजेपी चाहती है कि जल्दी ही बहुत परीक्षण हो और कांग्रेस सराकर बहहुमत सबित नहीं कर पाएंगी जिससे सरकार गिर जाएगी। कांग्रेस सरकार के गिरते ही बीजेपी की 15 माह बाद फिर से सत्ता में वापसी हो जाएगी। लेकिन इतना आसान भी नहीं है। जितना बीजेपी आठ मार्च से पहले सोच रही थी। अब समय और कांग्रेस की चालों ने बीजेपी की परेशानी बढना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर मप्र के सीएम और विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च बुधवार को होगी। कोर्ट का नोटिस मिलने के बाद मप्र सीएम और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से क्या जवाब दिया जाता और कोर्ट जावाब को किस तरह समझती यह कल 18 मार्च को ही पता चलेगा। अभी तो बीजेपी के सामने खुद के 106 और कांग्रेस के 22 विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी है। मप्र में बीजेपी की सरकार नहीं होने से 106 विधायकों को ठहराने का इंतजाम बारी पड रहा है। वहीं कांग्रेस के 22 बागी विधायकों को बेगलुरू के रिसॉर्ट में बीतें दो सप्ताह से ठहराने में खर्चा बहुत हो रहा है। ऐसे में अभी सिर्फ खर्चा ही हो रहा है। सरकार को गिराने में बीजेपी इस समय सुल नहीं हो रही है। किसी भी तरह एक एक दिन कर समय बढता जा रहा है। अब जितना समय बढेगा उतना दबाव बीजेपी पर बढेगा और कांग्रेस की नीति ही यही है कि कैसे भी समय को निकाला जाए जिससे बीजेपी पर विधायकों को संभालने का दबाव बढता रहेगा। यह सही नीति भी है कि समय बढने से बीजेपी विधायकों की सरकार बनने की उम्मीद कमजोर होगी और कांग्रेस अपना दांव लगाएंगी। इस सबके बीच पूवी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी विधायकों के साथ इछावर तहसील के रिसॉर्ट ग्रेसेस में डेरा डाला हुआ है। उन्होंने मंगलवार को भी बहुमत परीक्षण की बात कही है। उन्होंने दावा किया कि कमलनाथ सरकार अल्पमत में है। वहीं सीएम कमलनाथ ने फिर कहा कि बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव क्यों नहीं लाती है। उनकी सरकार बहुमत सबित कर देगी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के विधायकों को बीजेपी ने बंधक बनाया है।