एम गोपालरेड्डी आज सीएस का पदभार संभालेंगे, छंटने लगेंगे प्रशासनिक अनिश्चितता के बादल
••• तब किसका भाग्य प्रबल रहा कांग्रेस का या मोहंती का
( कीर्ति राणा )
मप्र में राजनीतिक अस्थिरता के बादल चाहे जब छंटे लेकिन प्रदेश में प्रशासनिक अनिश्चितता का कोहरामंगलवार से छंटने लगेगा।मुख्यमंत्री कमलनाथ के जिले में कलेक्टर रहे एम गोपाल रेड्डी सीएस का पदभार ऐसेसमय में संभाल रहे हैं जब यह स्पष्ट नहीं है कि वे राज्य के जिस मुखिया को रिपोर्ट करेंगे वह किस दल काहोगा।इस स्थिति के बाद भी राज्य की प्रशासनिक मशीनरी को एक ऐसा मुखिया मिल रहा है जो राजनीतिकअस्थिरता वाली स्थिति में भी मातहतों को विश्वास दिलाएगा कि हमारी प्राथमिकता आमजन हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ की पसंद वाले 1985 बैच के एम गोपालरेड्डी मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लेंगे।हालांकि छह महीने बाद (सितंबर में) वे भी रिटायर्ड होने वाले हैं लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के वक्त रहे तत्कालीनसीएस के कार्यकाल में छह माह की वृद्धि किए जाने के भी उदाहरण हैं।रेड्डी की कार्यशैली अगली सरकार कोपसंद आती है तो उनके कार्यकाल की वृद्धि का रास्ता खुल सकता है।
साफसुथरी छवि वाले रेड्डी ईमानदार अफसरों में शीर्ष पर माने जाते हैं।गोपाल रेड्डी पिछले साल ही केंद्रीयप्रतिनियुक्ति से लौटकर मध्यप्रदेश आए हैं। हालांकि प्रदेश में इनसे सीनियर आईएएस अधिकारी भी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की गुड लिस्ट में गोपाल रेड्डी का ही नाम सबसे ऊपर है। रेड्डी छिंदवाड़ा में कलेक्टर भी रहचुके हैं।
उनकी नियुक्ति में जो संयोग है वह यह कि वे भी इंदौर जिले में कलेक्टर रह चुके हैं। हाल के वर्षों में वे ऐसेदूसरे आयएएस हैं जो इंदौर में कलेक्टर रहने के बाद सीएस बने हैं, उनसे पहले एसआर मोहंती भी इंदौर मेंकलेक्टर रहे हैं।राजनीतिक अस्थिरता के बीच मुख्य सचिव का पद संभालने वाले रेड्डी मातहत अधिकारियों कीपरेशानियों का मुखिया के रूप में हल करने को तत्पर रहने वाले अधिकारियों में गिने जाते हैं। उनके सीएसबनने से निश्चित तौर पर प्रशासनिक अनिश्चय के बादल छंटेंगे ही।
पंद्रह साल में कांग्रेस के साथ मोहंती का वनवास दूर हुआ
मप्र में कांग्रेस की सरकार के साथ ही कमलनाथ का मुख्यमंत्री और सुधि रंजन मोहंती का मुख्य सचिव बननासंयोग रहेगा।अब जब प्रदेश में गंभीर राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है तब यह चर्चा भी स्वाभाविक है कि उक्तसंयोग में किस का भाग्य प्रबल था।
मप्र में 15 साल भाजपा की सरकार रही और इस पूरी अवधि में मोहंती लूप लाईन वाले पदों पर ही रहे।नवंबर18 में कांग्रेस के साथ मोहंती का वनवास भी दूर हो गया था।दिग्विजय सिंह की पसंद के चलते कमलनाथ कीभी गुड बुक में आए मोहंती प्रदेश के मुख्य सचिव बना दिए गए।नेताओं और मातहत अधिकारियों की बात पूरीहोने से पहले ही मंतव्य समझ लेने में माहिर मोहंती ने सीएस के रूप में सरकार की छवि निखारने से लेकरकमलनाथ को सफलतम सीएम के रूप में स्थापित कर सके तो उनकी क्विक डिसिजन-एक्शन वालीकार्यशैली ही रही। अब जब प्रदेश राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है और कांग्रेस की सरकार रहेगीया भाजपा सत्ता संभालेगी इस निर्णय के आने से पहले ही मोहंती सीएस पद से मुक्त होने के साथ हीप्रशासनिक अकादमी के महानिदेशक का दायित्व सम्हाल लेंगे। पहले चर्चा तो यह थी कि मप्र विद्युत नियामकआयोग के चेयरमेन बनाए जा सकते हैं लेकिन इस नियुक्ति में कतिपय बाधाओं के चलते सरकार ने यह आदेश जारी कर दिया है।