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सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं मिले तो 108 स्टाफ और स्वीपर ने करवाया प्रसव,बचाई तीन जिंदगियां

 

— उपस्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और स्टाफ गायब मिला

 (  वसीम उद्दीन ) 

मध्यप्रदेश। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट रात दिन काम कर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे है,लेकिन सरकारी डॉक्टर और कर्मचारी उनकी महनत पर पानी फेर रहे है। सरकार से मोटा वेतन प्राप्त करने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ इतना असंवेदनशील हो गया कि ग्रामीण इलाकों के उपस्वास्थ केंद्र पर एक भी डॉक्टर और कर्मचारी मौजूद ही नहीं रहते। ग्रामीणों का जीवन भगवान भारोसे ही बचता है,जबकि कुछ की मौत भी हो जाती है। रविवार को ऐसा ही घटना हुई जब एक गर्भवती महिला को 108 एम्बुलेंस वाहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर लाया तो यहां कोई भी मौजूद नहीं था,महिला की स्थिति ऐसी नहीं थी उसको अन्य अस्पताल ले जाया जा सकें। उसके बाद 108 एम्बुलेंस के पायलेट,स्वास्थ्य सेवक और स्वीपर ने मिलकर तीन जिंदगियां बचाने का परोपकारी काम किया है। अगर यह लोग समय पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाते तो एक साथ तीन जिंदगी इस दुनिया विदा ले सकती थी।

दरअसल, सीलखेड़ा निवासी संतोषी बाई पति विक्रम सिंह उम्र 24 साल को 108 द्वारा प्रसव के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर लाया गया तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर में एक भी डॉक्टर और कर्मचारी मौजूद ही नहीें थे। महिला की हालत बेहद खाराब हो रही थी,ऐसे में 108 एम्बुलेंस के स्वास्थ्य सेवक मुबीन अहमद, पायलेट चंद्रर मेवाड़ा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर की स्वीपर संगीता ने मिलकर संतोषी का सफल प्रसव करवाया। संतोषी ने जुडवां बेटियों को जन्म दिया। जिसमें एक का वजन 2 किलो 400 ग्राम दूसरा का वजन 2 किलो 300 ग्राम है। दोनों बच्ची और उनकी मां संतोषी ठीक है।

— ऐसा स्वास्थ्य केंद्र का क्या फायदा मंत्री जी…

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर के आसपास 84 गांव है इन गांव में रहने वाले ग्रामीण बिमार होने पर अपना इलाज कराने स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर आते है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर में एक भी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद ही नहीं र​हता तो ऐसे में सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र भवन के होने से क्या फायदा। यहां के ग्रामीण वर्षो से परेशान है कि स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर में 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहे। बताया जाता है कि स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के इंतजाम ही नहीें है। यहां तक कि जरूरी उपकरण ही नहीं रखें गए। अब तक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर की लापरवाही से कई लोगों को समय पर इलाज न मिलने से मौत हो गई है।

— तीन डॉक्टर लेकिन मिलता एक भी नहीं…

स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर में तीन डॉक्टर की तैनाती की गई है जिसमें से दो महिला डॉक्टर है लेकिन य​ह दोनों कब आती है कब जाती है पता ही नहीं है। इन दानों के अलावा एक पुरूष डॉक्टर को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई वो विभाग की बैठकों में व्यस्त रहतें है। कुल 17 लोगों को स्टाफ है लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद एक भी र​हता। स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर को इलाज की बहुत जरूरत है। समय रहते स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर का इलाज नहीं हुआ तो किसी दिन ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट सकता है।

-प्रभारी डॉक्टर ने कहा हमें प्रसव कराने की पात्रता नहीं…

जब इस घटना पर स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर के प्रभारी डॉक्टर केसी मोनियां से बात की गई तो उन्होंने कहा की इस तरह के प्रसव कराने की पात्रता स्वास्थ्य केंद्र को नहीं है। सभी केस अब तक जिला मुख्यालय अस्पताल रैफर किय जाते है।

-लापरवाही पर कार्यवाही की बात

यह गंभीर लापरवाही है इस तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। मामले की जांच होने के बाद सख्त कार्यवाही की जाएगी। — एचपी सिंह, बीएमओ

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