व्याख्यान माला में साहित्याकारों ने बताया निराला क्यों निराले
– साहित्य अकादमी ने मनाई निराला जयंती, व्याख्यानमाला के साथ किया रचना पाठ
मध्यप्रदेश। सीहोर में साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की स्मृति में साम्प्रदायिकता के विरुद्ध साहित्य के तहत विषय पर व्याख्यान और रचना पाठ का अयोजन किया। व्याख्यान माला का आयोजन शहर के बस स्टेंड स्थित सम्राट काम्पलेक्सा के बेसमेंट में पीसी लेब में किया गया। जिसमें भोपाल के वरिष्ठ साहित्याकार रामप्रकाश ि त्रिपाठी , संध्या कुलमर्णी व सविता भार्गव ने व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामप्रकाश ित्रपाठी ने की। उन्होंने निराला की रचना कुकुरमुत्ता और समांत वाद पर चोट करने वाली उनकी रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उनके व्यक्तिव और रचनाओं के माध्यम से यह बताया कि निरालो कैसे निराले हैं। वहीं संध्या कुलकर्णी ने बताया कि कवि या साहित्यकार जब किसी वर्ग, धर्म, जात या क्षेत्र में बंध जाता है तो वह साहित्यकार नहीं रहता। निराला जी सबके हैं। उन्हेें विद्रोही भी कहा जा सकता है। व्याख्यान माला में सविता भार्गव ने विषय पर प्रकाश डालते हुए। बताया कि समाज बटता जा रहा है जिसे जोड़ने का जिम्मा साहित्यकारों पर है। इस अवसर पर जोरावर सिंह, लक्षमण चौकसे, स्वदेश विश्वकर्मा और आकाश माथुर ने व्याख्यानमाला के विषय और बसंत के कवि निराला जी पर रचना पाठ किया। इस दौरान मुख्य रूप से साहित्य अकादमी के संयोजक शहरयाह अमजद खान, उत्कृष्ठ स्कूल के प्राचार्य आरके बागंरे, साहित्यकार हरिओम शर्मा दाऊ, संजय श्रीवास्तव, प्रदीप नागिया, सन्नी गोस्वामी, शुभम गोस्वामी सहित बड़ी संख्या में श्र्रोता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुनील भालेराव ने किया।