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भिक्षावृत्ति करवाने के लिए किन्नर ने किया था 6 माह की बच्ची का अपहरण

 

 ( बलराम सिसोदिया )

मध्यप्रदेश। सीहोर जिले की तहसील  रेहटी में  20 दिसंबर को सलकनुर से एक निर्धन परिवार की 6 माह की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। यह निर्धन परिवार सलकनपुर में टैंट लगाकर  पन्नी बीनने का काम करता था।  बच्ची का अपहरण इस क्षैत्र में पहली घटना मानी जा रही थी। जो पुलिस के लिए बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई थी। फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को शंका एक अज्ञात किन्नर पर हुई। जहां  पूरे एक माह में इस निर्धन परिवार की 6 माह की बच्ची को और किन्नर को पुलिस ने सेठानी घाट होशंगवाद से गिरफ्तार कर लिया है। जहां न्यायालय में  पेश करने के बाद दो दिन की रिमांड  पुलिस को मिली है। ताकी अन्य अपराध इस किन्नर द्वारा किए गए हो तो उसके बारे में  पूछताछ की जाएगी। पुलिस के लिए चुनौती बना किन्नर को  पकडऩे के लिए रेहटी पुलिस राजस्थान भी गई और बच्ची के माता  पिता गरीब होने के कारण सारा खर्च दोनो का पुलिस ने ही उठाया है। राजस्थान, अजमेर के ग्राम टाटा टोपी जिला अजमेर थाना तराना का आरोपी अकील  पिता ऊष्मान शेख उम्र 33 वर्ष को  पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं  बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया गया है। जहां उसकी मां आरती अपनी दुध मुह बच्ची को पाकर फूली नही समा रही है। इस किन्नर को  पकडऩे के लिए पुलिस कप्तान एसएस चौहान, उपपुलिस अधिक्षक समीर यादव, एसडीओपी बुदनी एसएस पटेल के मार्गदर्शन में और टीआई रवींद्र यादव के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। जिसमें एसआई रोहित सिंह भदोरिया, राजू मखौड,  आरक्षक धर्मेंद्र,  पत्रकार बलराम सिसोदिया की भूमिका सराहनीय रही है। इस संबंध में टीआई रवीेंद्र यादव, एसआई रोहित सिंह भदोरिया ने बताया कि यह किन्नर  पहले  पुरुष था और इसने किन्नर बनने का इजेंक्शन लगवा लिया था। और ये किन्नरो की टीम में रहता था लेकिन इसकी गलत हरकतों के कारण किन्नरो ने उनकी टीम से बाहर कर दिया था। छोटी बच्ची को ले जाने के  पीछे इस नकली किन्नर का उद्देश्य बच्ची को बड़ा करके उससे भिक्षावृत्ती करवाना अपहरण का कारण था।

– कैसे  पहुंची  पुलिस किन्नर तक

20 दिसंबर को सलकन पुर से 6 माह की बच्ची को  उठा ले जाने के बाद यह बच्ची को लेकर होशंगवाद सेठानी घाट  हुंचा। उसके बाद बच्ची को यहां वहां रखकर यह कुरावर नरसिंहगड़  पहुंचा। इसी बीच जंगल में बच्ची को लेटाकर शोच के लिए जंगल चला गया। इसी बीच जंगल में लकड़ी बीनने वालों ने जब बच्ची को देखा तो उन्होने 100 डायल को फोन लगा दिया। 100 डायल को देख यह किन्नर वहां से भाग निकला। उसके बाद नरसिंहगड़  पुलिस और राजगढ  पुलिस ने इस बच्ची को संभाला। उसके बाद इसे होशंगवाद से गिरफ्तार कर बच्ची को राजगढ से लाकर  परिजनों को सौंपा।

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