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शिवराज सरकार में हुआ था संबंल योजना में व्यापक फर्जीवाड़ा

 

( कमलेश पाण्डेय )

मध्यप्रदेश। चुनावी लाभ के लिए विधानसभा चुनाव 2018 के कुछ महीने पहले तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा लायी गई संबंल योजना में व्यापक फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस योजना के माध्यम से छतरपुर नगर में 35290 लोगों के पंजीयन कराए गए थे जब प्रदेश में सरकार बदली तो संबल योजना का नाम बदलकर नया सबेरा कर दिया। सरकार के निर्देश पर इस योजना में पंजीकृत लोगों का सत्यापन कराया गया जिससे पता लगा है कि छतरपुर में पंजीकृत 35290 लोगों में से 25532 लोग खुद को फर्जी तरीके से गरीब बताकर इस योजना का लाभ ले रहे थे। नगर पालिका और राजस्व की एक संयुक्त टीम ने इस योजना का सत्यापन कर इन फर्जी गरीबों को योजना से बाहर कर दिया है।
-इन्हें मिलना था लाभ लेकिन अमीर उठा रहे थे मजा
संबल योजना के नियमों के मुताबिक इस योजना में उन्हीं लोगाों को लाभान्वित किया जाना था जो संगठित अथवा असंगठित क्षेत्र में मजदूर हैं। योजना के तहत पात्र व्यक्ति को करदाता नहीं होना चाहिए, उसके पास 5 एकड़ से अधिक जमीन नहीं होना चाहिए, आयु 18 से 60 वर्ष तक होना चाहिए, पक्का मकान एवं टीवी फ्रिज, ए.सी. जैसी चीजें भी नहीं होना चाहिए लेकिन जब इस योजना का सत्यापन किया गया तो पाया गया कि 25532 लोग सम्पन्न घरों से थे फिर भी इस योजना का लाभ ले रहे थे।
-योजना में इस तरह फायदे मिलते थे
संबल योजना के माध्यम से सरल बिजली योजना का लाभ मिलता था जिसके तहत 4221 लोगों ने 100 रूपए प्रतिमाह पर बिजली का उपयोग किया। दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपए, साधारण मृत्यु पर दो लाख रूपए, प्रसव पर 16 हजार रूपए, प्रसव पूर्व महिलाओं की देखरेख के लिए लगभग दो हजार रूपए व अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रूपए की राशि उपलब्ध कराई जाती थी। छतरपुर में बड़े पैमाने पर सम्पन्न लोगों ने इन योजनाओं का लाभ लिया। इसी योजना के तहत कई सम्पन्न परिवारों ने अपने हजारों लाखों रूपए के बिजली बिल भी माफ करा लिए थे।

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