मध्यप्रदेश में वायरल वीडियो उगल रहे हैं अवैध रेत खनन कारोबार का सच
— रेत माफिया,अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत उजागर
— रात के अधेंरे में सेकडों डपर अवैध रेत का परिवहन
(दीपक भार्गव)
मध्यप्रदेश। प्रदेश में अवैध रेत खनन का मामला अब वायरल वीडियो से सामने आ रहा है। बात की जाए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 75 किमी दूर सीहोर जिले के बुधनी विकास खण्ड के गांव सरदार नगर नेतनखेडी नर्मदा घाट की, यहां जेसीबी मशीन रात के समय अवैध उत्खनन करते दिखाई दे रहीं हैं। पिछले कुछ घंटों से एक वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे कुछ ग्रामीणों ने मिलकर बनाया है। इस वीडियो में चार जेसीबी मशीन रात के अंधेरे में तेजी से रेत के अवैध उत्खनन में लगाई गईं हैं।
इसी तरह से पहले के भी कई वीडियों ग्रामीणों ने बनाकर सीएम हाउस तक पहुंचाए। इसका असर यह हुआ कि कुछ दिन तक तो अधिकारियों ने रेत से भरे इक्का-दुक्का ट्रेक्टर—ट्रालियों को पकडा। उसके बाद हालात जस के तस हो गए ओर रेत माफिया तेजी से रेत के उत्खनन में लग गए हैं। रेत के अवैध कारोबार में रेत माफिया,अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत है। अगर कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे किसी भी तरह से सबक सिखा दिया जाता है। जिससे अवैध रेत खनन के खिलाफ कोइ भी अपन मुंह नहीं खोलें। ऐसा नहीं है कि इन खेल में सिर्फ स्थानिय नेता,अधिकारी शामिल है,इसमें जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी तक के अधिकारी और नेता बडी भूमिका में है। यही वजह है कि पिछली सरकार में कांग्रेस अवैध रेत खनन के मामले को उठाती रही और जब कांग्रेस की सरकार प्रदेश में बनी तो धीरे धीरे सब सेट हो गए। अब वहीं चेहरे रेत खदानों में दिखाई देते है जो पिछली सरकार में अवैध खनन के मफिया के रूप में पहचाने जाते थे।
ऐसे तो नहीं बचेगी नर्मदा नदी….
सरकार ने नदियों को बचाने के लिए नदी संरक्षण न्यास का गठन तो कर दिया लेकिन जिस वजह से नदी का अस्तीव खतरे में है उस वजह को दूर नहीं किया जा रहा है। रेत मफिया दिन—रात नर्मदा नदी से अवैध रूप से मशीनों से रेत निकाल रहें है। नदी के किनारों का मूल स्वरूप ही बदल गया है। जिसकी वजह से नदी में जलभराव की क्षमता कम हो गए और आकार भी कम होता जा रही है। नदी कई जगहो पर नाले से कम आकार की दिखाई देने लगी है। नदी के आसपास का वतावरण तेजी से बदल रहा है। यदि इसी तरह रेत का अवैध खनन होता रहा तो नर्मदा का बचना मुशिकल है।
ग्राम पंचायत को अलॉट है रेत खदान-
जानकारी अनुसार बुधनी के सरदारनगर नेतनखेड़ी नर्मदा खदान खनिज विभाग ने ग्राम पंचायत सरदार नगर के लिए के लिए सुपुर्द की है, जिससे यह गांव रेत के उत्खनन व परिवहन के लिए माफिया का गढ़ बन गया है।कमलनाथ सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में किसी भी मफिया को बक्शा नहीं जाएगा,लेकिन राजधानी के सबसे करीबी जिला सीहोर के बुधनी,शाहगंज,रेहटी,नसरूल्लागंज में नर्मदा नदी के किनारे पर रेत मफिया का कब्जा है।
-प्रतिबंधित है मशीन से उत्खनन
रेत के उत्खनन के लिए सरकार द्वारा मई 2017 में जारी निर्देश से स्पष्ट है कि रेत का उत्खनन मानव श्रम से किया जाए, मशीनों का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित है। बाबजूद सरकार के निर्देशों को दरकिनार कर क्षेत्र के नर्मदा नदी में मशीनों से रेत के उत्खनन के वीडियो सामने आ रहे हैं जो कहीं न कहीं माफिया ओर अधिकारी की मिलीभगत उजागर करते हैं।
राज्य शासन ने खनन में मशीन का प्रयोग प्रतिबंधित किया..
साल 2017 में मप्र शासन ने खनन में मशीनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाए जाने सबंधी आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद भी मप्र में अब तक रेत खनन में मशीन का प्रयोग बेखौफ किया जा रहा है।
-सीएम क्यों नहीं मारते छापे
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को आदेश तो दिए है कि माफिया के खिलाफ कार्रवाही की जाए,पर अधिकारी सच में बडे माफियाओं पर कार्रवाही कर रहे है इसकी नगरानी सरकार में कोई नहीं कर रहा है। कई जिलों में खानापूर्ति की जा रही है। या सिर्फ छोटी मछलियों का ही शिकार कागज का पेट भरा जा रहा है। इसी प्रकार रेत माफिया पर भी औपचारिकतार्पूण कार्रवाही हो रही है। इस मामले में सीएम को बिना बताए रेत रात के समय खदानों पर छापे मारने चाहिए,तो उन्हें हकीकत पता चलेगी कि असल में हो क्या रहा है?
-इनका कहना है
में अभी छुट्टी पर हूँ वायरल वीडियो की जानकारी मुझे नहीं है अगर कहीं कोई मशीनों का प्रयोग कर उत्खनन किया जा रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।–(आरिफ खान, जिला खनिज अधिकारी सीहोर)