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मप्र में निजी स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी होगी पैरेंट्स मीटिंग

— छात्रों का फ़ीडवेक लेने अभिवावकों से मिलेंगे शिक्षक

 

 (दीपक भार्गव)

मध्यप्रदेश। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने मध्य प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। सरकार अब निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी पैरेंट्स मीटिंग करने जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि पैरेंट्स की भागीदारी से शिक्षा स्तर में सुधार होगा। पैरेंट्स मीटिंग का उददेश्य अभिभावकों को उनके बच्चों के साथ शैक्षणिक स्तर की जानकारी प्रदान करना तथा शाला के अकादमिक मुद्दों से अवगत कराते हुए सुझाव प्राप्त करना रहेगा। विद्यार्थियों को प्रेरित कर उनके शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए अभिभावकों को जागरूक करना है। बैठक की सूचना अभिभावकों को संस्था के विद्यार्थियों के माध्यम से दी जावेगी। बैठक में अभिभावकों से चर्चा कर अकादमिक प्रगति के संबंध में निम्नानुसार बिंदुओं पर चर्चा की जावेगी।

  • कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर

विद्यार्थियों को त्रैमासिक परीक्षा, दक्षता उन्नयन की उत्तर पुस्तिका अभिभावकों को दिखाई जावेगी। विद्यार्थियों की त्रैमासिक परीक्षा,दक्षता उन्नयन के परिणाम की जानकारी देकर विद्यार्थी को किन विषयों में अभ्यास की आवश्यकता अधिक है। इसके संबंध में माता-पिता को आवश्यक जानकारी दी जावेगी। विद्यार्थी की उपस्थिति से अभिभावकों को अवगत करना तथ छात्र एवं छात्राओं को नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित करना। अभिभावकों को निदानात्मक ( रेमेडियल) कक्षाओं की जानकारी उपलब्ध कराना। अभिभावकों को विषय शिक्षक के द्वारा किस विषय में विद्यार्थी को दक्षता सुधार की आवश्यकता है इसकी जानकारी देने के साथ सुधार के उपायों से भी अभिभावकों को अवगत कराया जावेगा। बैठक का रिकॉर्ड कक्षा शिक्षक द्वारा संधारित किया जावेगा। प्राचार्य,प्रधानाध्यापक,संस्था प्रमुख भी अभिभावकों से चर्चा में उपलब्ध रहकर सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय की मॉनीटरिंग करने के लिए प्रेरित करेंगे।

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