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ईरान में पहली बार महिलाएं स्टेडियम में बैठकर देखेंगी फ़ुटबॉल मैच

 

-सहर की आत्महत्या के बाद ईरान ने महिलाओं के हक में लिया निर्णय

ईरान। एक इंसान के करने से क्या होता है..अक्सर हर छोटे बदलाव को लेकर यहीं कहा जाता है,लेकिन यह सिर्फ बहाना होता है। किसी को तो पहल करना ही होती है। एक महिला की पहल से ईरान में अब महिलाओं को स्टेडियम में बैठकर मैच देखने की आजादी मिल गई है। य​ह फुटवॉल मैच दस अक्तुबर को होगा।

सहर खोड़यारी

दरअसल, साल 2019 के मार्च माह में ईरान में रहने वाली 29 साल की सहर खोड़यारी फुटबॉल खेल की बहुत पंसद करती थी। सहर का स्टेडियम में जाकर मैच देखना का बहुत मन था। उसने हिम्मत की और लडके के कपडें और हुलिया कर स्टेडिम में प्रवेश का प्रयास किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने सहर को पकड लिया और उसकी पोल खुल गई कि वो लडके के वेष में लडकी है। सहर को कोर्ट ने पेश होने का समन भेजा। कोर्ट परिसर में सहर ने खुद का आग लगा ली। वो 90 फसदी जल गई जिससे उसकी मौत हो गई। सहर द्वारा आत्मदह करने से ईरान के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया। लोगो ने महिलाओं में लगाई गई पाबंदी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर इस आंदोलन से जुडें कई पेज बनाए गए जहां महिलाओं ने सबसे अधिक पाबंदी हटाने का समर्थन किया। लोगो का रूख देखकर ईरान ने महिलाओं को मैच देखने की पांबदी हटाने का निर्णय लिया। ईरानी सरकार ने ये वादा किया कि वो कंबोडिया के साथ होने वाले फुटबॉल मैच में कम से कम 3500 महिला प्रशंसकों को स्टेडियम में मैच देखने की अनुमति देगा।ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना ने चार अक्टूबर को इस बात की पुष्टि की है कि ईरानी फुटबॉल फेडरेशन ने फीफा से वायदा किया है कि 10 अक्टूबर को तेहरान आजादी स्टेडियम में होने वाले फुटबॉल मैच में ईरानी महिलाओं को आने की अनुमति देगा। इसके ईरानी सरकार ने स्टेडियम में 3500 भी बुक की है। फीफा ने ईरान फुटबॉल फेडरेशन को कहा है कि वह मैच के दौरान अपने पर्वेक्षक भेजेगा जो यह देख सके कि मैच में महिलाएं उपस्थित है या नहीं।

गौरतलब है कि ईरान में महिलाओं पर पाबंदी इस्लामिक क्रांति के बाद यानी 1979 में लगाई गई थी। पहलवी वंश के शासनकाल में ईरान यूरोप को मात देता था। क्या महिला और क्या पुरूष सभी को पूर्ण आजादी थी। वे जहाँ चाहें जा सकते थे, कोई बडी पाबंदी लागू नहीं थी। जो भी लेटेस्ट फैशन यूरोप में आता वह तुरंत ईरान जा पहुंचता था।
इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में आयातोल्लाह खोमैनी ईरान के प्रमुख बने और खुमैनी ने हीं ईरान में कट्टर इस्लामिक शासन की शुरुआत की। ईरान शिया बहुलता वाला देश है और खुमैनी ने ईरान को कडी पाबंदी के बीच रखा,जिसका समय समय पर विरोध होता आया है। 2019 मार्च में सहर की आत्महात्या के बाद इस पांबदी के विरेाध में लोगो का विरोध तेज हुआ तो सरकार को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना ही पडा।

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