मप्र में जंगली इलाकों में शराब परोसना हुआ सास्ता , लायसेंस फीस हुई कम
— मप्र सरकार ने नई शाराब नीति को मंजूरी दी,केबिनेट में हुए कई निर्णय
मध्यप्रदेश। प्रदेश में शराब दुकानें कम करने या बंद करने को लेकर मांग की जाती रही है। कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो शराब बंदी का समर्थन करती थी,अब सरकार बनाने में बाद शाराब की उपलब्धता को असान कर रही है। कैबिनेट में नई शाराब नीति को मंजूरी दी गई है। जिसमें जंगली इलाकों में शराब परोसना सास्ता हो गया है। जंअली इलाकों में शाराब लायसेंस की फीस पांच लाख से घाटा कर डेढ़ लाख रुपए कर दी गई है। जंगल में अब मात्र डेढ लाख रूपए फीस देकर बार खोला जा सकता है।
जानकार के अनुसार शाराब नीति में बदलाव प्रस्ताव में बार के लिए कमरों की संख्या 10 से घटाकर 5 की गई है। सरकार शाराब नीति में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी देकर अपने खाली खजाने में धन जमा करने की कोशिश कर रही है। जैसा कि पिछले दिनों पैट्रोल—डीजल पर लगाने वाले टैक्स को पांच फीसदी बढाया गया है। हलांकि या टेक्स पहले की सरकारों में लगता रहा है। विधानसभ चुनाव से ठीक पहले शिवराज सरकार ने इस टैक्स को कम किया था।
कैबिनेट में लिए गए अन्य निर्णय
डीजे के एक अस्थाई पद को बढ़ाए जाने का प्रस्ताव मंजूर ,जबलपुर एयरपोर्ट के लिए जमीन देने का प्रस्ताव को मिली हरी झंडी। 50 हेक्टेयर जमीन देने का प्रस्ताव चर्चा के बाद हुआ मंजूर दी गई है। हेरिटेज बिल्डिंग प्रोत्साहन योजना का मसौदा मंजूर मिली। मंबई में बने मध्य लोक भवन के संचालन पर्यटन विभाग करेगाा। बोर्ड मैनेजर का कार्यकाल की संविदा अवधि को पांच साल बढ़ाया है। पर्यटन में 70 फीसदी रोजगार मप्र के युवाओं के लिए किए गए आरक्षित किया गया है। पर्यटन में प्रोमोशन करने वालों को सरकार द्वारा सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया। बड़ी होटल खोलने के लिए प्रदेश सरकार एक करोड़ का अनुदान देगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 550 करोड़ का अतिरिक्त प्रवधान किया गया है। पेंशन भुगतान दीवाली से पहले किया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों के उपकरण खरीदने के लिए स्वीकृति दी गई है। बांस किसानों को पहले की तरह रियायत मिलेगी। कैबिनेट में हुए निर्णयों की जानकारी जनसंर्पक मंत्री पीसी शर्मा ने दी है।